Pune ISIS Module Case: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को बड़ी कामयाबी मिली है. विशेष शाखा ने 15 अगस्त ( Indepedece Day 2024 ) से पहले ISIS मॉड्यूल के आतंकी को अरेस्ट किया है. आतंकी की पहचान पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके का रहना वाला रिजवान अली के रूप में हुई है. इसके ऊपर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने तीन लाख रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था.


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 पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल से जुड़े रिजवान की गिरफ्तारी को लेकर एनआईए ने वारंट भी जारी किया था. वो इससे पहले पुणे पुलिस की हिरासत से फरार हो गया था. वह भागने के बाद से NIA की पकड़ से बचता रहा था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को उसे कई हथियार समेत गिरफ्तार कर लिया.  बताया जाता है कि अली ने पुणे ISIS मॉड्यूल के दूसरे मेंबरों के साथ साथ राजधानी दिल्ली और मुंबई में कई हाई-प्रोफाइल ठिकानों की टोह ली थी.


रिजवान NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में था शामिल
उल्लेखनीय है कि आतंकी रिजवान अली NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था. वहीं, पुलिस ने पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल के कई मेबरों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. नेशनल एजेंसी ने इस साल मार्च में 4 आरोपियों की एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल की थी, जिसमें तीन अन्य आरोपियों के साथ रिजवान अली का भी नाम शामिल था. हालांकि, NIA ने ISIS मॉड्यूल केस में टोटल 11 लोगों पर आरोप लगाए हैं. 




क्या है ISIS मॉड्यूल केस?
दिसंबर 2023 में एनआईए ने महाराष्ट्र आईएसआईएस आतंकी मॉड्यूल मामले में छह आरोपियों के खिलाफ आरोप दायर किए थे. इससे पहले एंटी टेरर एजेंसी ने भारत में ISIS विचारधारा फैलाने वाले नेटवर्क का खुलासा किया था. मुंबई में एनआईए विशेष अदालत को सौंपे गए आरोप पत्र में मुंबई के ताबिश नासिर सिद्दीकी, जुल्फिकार अली बड़ौदावाला उर्फ ​​"लालाभाई", शारजील शेख और बोरीवली-पडघा के आकिफ अतीक नाचन और जुबैर नूर मोहम्मद शेख उर्फ ​​"अबू नुसैबा" शामिल हैं.