Delhi Riots 2020: दिल्ली हाईकोर्ट ने आज यानी 2 मई को IB के अधिकारी अंकित शर्मा हत्या मामले में तीन आरोपियों को जमानत दे दी है. जस्टिस नवीन चावला ने 2020 उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान शर्मा की हत्या के मुल्जिम शोएब आलम, गुलफाम और जावेद को जमानत दे दी. कोर्ट ने नाजिम को जमानत देने से इनकार कर दिया.


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पिछले साल मार्च में दिल्ली की एक कोर्ट ने इस मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ हत्या के आरोप तय किए थे. कड़कड़डूमा अदालत के अतिरिक्त सत्र जस्टिस पुलस्त्य प्रमाचला ने हुसैन समेत 11 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे और कहा था कि उन पर धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस दंगा), 153ए (शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत अपराध के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है. वहीं, धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) 120 बी (आपराधिक साजिश) के साथ पढ़ी जाती है. हुसैन और नाजिम पर आईपीसी की धारा 505, 109 और 114 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत भी आरोप लगाए गए है. 


ताहिर हुसैन पर लगा इल्जाम
ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि हुसैन ही वह व्यक्ति था जिसने भीड़ को हिंदुओं को मारने के लिए प्रोत्साहित किया था और उनसे "उन्हें न छोड़ने" का आग्रह किया था. 26 फरवरी, 2020 को शर्मा के पिता रविंदर कुमार के जरिए FIR दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सीएए विरोधी और सीएए समर्थक प्रदर्शनकारियों के जरिए चांद बाग पुलिया, मुख्य करावल नगर रोड पर दो-तीन दिनों तक प्रदर्शन चला. उसी दौरान उनके बेटे की हत्या हुई. 
 
IB के अधिकारी के पिता ने लगाया इल्जाम
उन्होंने आरोप लगाया, ''25 फरवरी, 2020 को मेरा बेटा घरेलू सामान खरीदने के लिए बाहर गया, लेकिन काफी देर तक वापस नहीं आया.'' कुमार को स्थानीय लोगों ने बताया कि चांद बाग पुलिया की मस्जिद से एक लड़के को मारकर खजूरी खास नाले में फेंक दिया गया है.
कुमार ने शर्मा की हत्या के पीछे हुसैन और उसके गुंडों का हाथ होने का आरोप लगाया है.