Delhi Riots 2020: दिल्ली में साल 2020 में हुए दंगे के आरोपी पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के ख़िलाफ़ कड़कड़डूमा कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इल्ज़ामात तय कर दिए हैं. अदालत ने ताहिर हुसैन पर इल्ज़ाम तय किए हैं कि उसने ग़लत तरीक़े से मिली रक़म का इस्तेमाल दंगों को भड़काने में किया. हालांकि, ताहिर हुसैन ने अब तक अपना गुनाह कबूल नहीं किया है. कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को है. साल 2020 फरवरी में नार्थ-ईस्ट दिल्ली में दंगे भड़के थे, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी. ताहिर हुसैन पर फसाद भड़काने और उसकी फंडिंग के इल्ज़ाम के साथ ही कई और इल्ज़ाम लगे हैं. साल 2020 में जब दिल्ली में दंगे हुए थे तो उस समय ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी के काउंसलर थे, लेकिन इल्ज़ाम साबित होने पर पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था.


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कड़कड़डूमा कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी
इससे पहले 8 जनवरी को ताहिर हुसैन ने प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए कस्टडी पैरोल मांगने के लिए कड़कड़डूमा कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. एडिश्नल सेशन जस्टिस अमिताभ रावत की कोर्ट ने इस अर्जी पर तिहाड़ जेल के संबंधित अधीक्षक को नोटिस जारी कर ताहिर हुसैन की मेडिकल रिपोर्ट 11 जनवरी तक मांगी थी. इसी केस में मुल्ज़िम उमर खालिद ने इलेक्ट्रिक केतली और किताबों के लिए इजाजत मांगते हुए एक अर्जी लगाई थी. कोर्ट ने उमर की अर्जी को जेल नियमों के मुताबिक़ निस्तारण के लिए जेल मैनेजमेंट के पास भेज दिया है. 


AAP ने किया सस्पेंड
मुल्ज़िम अतहर खान ने भी याचिका दायर की है, उसमें एक जेल अधिकारी पर मानसिक उत्पीड़न का इल्ज़ाम लगाया है. अर्जी में इस मामले में कोर्ट से संरक्षण प्रदान करने की अपील की है. ग़ौरतलब है कि दंगे में नाम आने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन को सस्पेंड कर दिया था.


 


 


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