नई दिल्ली: दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) को जमानत मिल गई है. दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को खजूरी खास में दर्ज FIF के मामले में जमानत दी है. कोरोना संक्रमण के पेश-ए-नजर कोर्ट ने जमानत इस शर्त पर दी है कि उमर खालिद को अपने फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करके रखना होगा. 


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जज ने किया कहा ?
JNU के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद (Umar Khalid) के खिलाफ खजूरी खास में दर्ज FIF के मामले में आज सुनावई जज विनोद यादव ने की. जज ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कि उमर खालिद को सिर्फ इसलिए अनिश्चितकाल तक के लिए जेल में नहीं रख सकते क्योंकि कुछ लोग जो कि दंगे की भीड़ का हिस्सा रहे उनकी पहचान हो गई है या फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.


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इन शर्तों पर मिली जमानत
कोर्ट ने उमर खालिद को जमानत देते हुए कहा कि उसे 20 हजार रुपए का पर्सनल बॉन्ड भरना होगा. उसके अलावा कोर्ट ने सख्त हिदायत दी कि किसी सबूत से छेड़खानी नहीं की जानी चाहिए या फिर किसी गवाह को भी प्रभावित करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए. उस अलावा हर तारिख को उमर खालिद को कोर्ट में पेश होना होगा. मजीद उमर खालिद को अपना नंबर भी खजूरी खास थाने के एसएचओ (SHO) को देना होगा.


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गौरतलब है कि पिछले साल CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन जारी था. इसी दौरान 23 और 24 फरवरी को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगे भड़क उठे थे. इसी दंगे से जुड़ी एक एफआईआर में उमर खालिद का भी नाम है. उमर खालिद पर दंगे के लिए लोगों के उकसाने का आरोप है. 


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