Delhi News: आम आदमी पार्टी के विधायक को दिल्ली की एक कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने आप नेता प्रकाश जारवाल को एक डॉक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोषी करार दिया है.  साउथ दिल्ली के डॉक्टर ने साल 2020 में आत्महत्या कर ली थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जस्टिस एमके नागपाल ने यह फैसला सुनाया है.


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साल 2021 में एडिशनल सेशन जज गीतांजलि गोयल ने जारवाल और उनके सहयोगी कपिल नागर के खिलाफ IPC की कई धाराओं के तहत आरोप तय किए थे,जिसमें खुदकुशी के लिए उकसाना, क्रिमिनल साजिश, जबरन वसूली, आपराधिक धमकी और सामान्य इरादा शामिल था. लेकिन कोर्ट ने एक दूसरे मुल्जिम हरीश को कुछ आरोपों से बरी कर दिया. हालांकि उसे आपराधिक धमकी के लिए जवाबदेह ठहराया गया.


क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 18 अप्रैल 2020 को डॉ. राजेंद्र सिंह जिसकी उम्र  करीब 52 साल थी, उन्होंने आत्महत्या कर ली थी.  पुलिस को शव के पास मिले सुसाइड नोट में आप नेता प्रकाश जारवाल को इसके लिए जिम्मेदार बताया गया था. नोट में जारवाल पर जबरन वसूली का भी इल्जाम लगाया गया था.


रिपोर्ट के मुताबिक, यह डॉक्टर टैंकर सप्लाई का भी कारोबार करते थे. आरोप लगाया गया कि टैंकर सप्लाई के कारोबार में ही उनसे जबरन वसूली करते हुए उन्हें बहुत ज्यादा परेशान किया गया था, जिसके बाद उन्हें खुदकुशी जैसा कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा.


जरवाल के वकील ने क्या कहा?
वहीं,दूसरी तरफ जारवाल के वकील रवि द्राल ने कहा कि हम इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे. उन्होंने कहा, "चार साल बाद जरवाल को दोषी ठहराया गया है. मुकदमे के दौरान कई गवाह मुकर गए और जिन लोगों से जिरह की गई, उनके बयान गलत साबित हुए. इसके बाद भी कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया है. हमें न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और हम इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे."