नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में लगे कई होर्डिंग और दिल्ली पर्यटन विभाग की वेबसाइट के उस दावों को इतिहासकारों ने खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली की जामा मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिद है. इतिहासकारों ने कहा है कि भोपाल में वाके ताज-उल-मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है. गौरतलब है कि दिल्ली की मशहूर जामा मस्जिद को मुगल सम्राट शाहजहां ने 1656 में बनवाया था, जबकि ताज-उल-मस्जिद की तामीर 1868-1901 के बीच भोपाल की तीसरी मुस्लिम महिला शासक शाहजहां बेगम द्वारा कराया गया था. ताज-उल-मस्जिद का मतलब ‘मस्जिदों का ताज’ होता है. 

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पर्यटन विभाग की वेबसाइट ने दी गलत जानकारी 
उल्लेखनीय है कि संगमरमर के गुंबद वाली जामा मस्जिद की होर्डिंग पर इसे भारत की ‘सबसे बड़ी मस्जिद’ बताया गया है. यह होर्डिंग शहर भर में नजर आ रही और यह सरकार के ‘क्या आप जानते हैं’ सिरीज का हिस्सा है. बड़े-बड़े होर्डिंग के अलावा, जामा मस्जिद को मुल्क की सबसे बड़ी मस्जिद होने का दावा दिल्ली पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर भी किया गया है. वेबसाइट पर मस्जिद को लेकर लिखा गया है, ‘‘पुरानी दिल्ली की यह भव्य मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है.’’

जामा मस्जिद से 33 फीसदी बड़ी है ताज-उल-मस्जिद 
दिल्ली के इतिहासकार सोहेल हाशमी ने इस दावे पर सवाल उठाया है. उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा है, ‘‘प्रिय दिल्ली सरकार, जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद नहीं है. भोपाल में स्थित ताज-उल-मस्जिद इससे 33 फीसदी बड़ी है.’’ हाशमी ने कहा, ‘‘वास्तुकला से समृद्ध जामा मस्जिद अपने आकार की वजह से नहीं बल्कि मुगल वास्तुकला की खास शैली की वजह महत्वपूर्ण स्थान रखती है. इस मस्जिद ने बहुत से लोगों को मूल डिजाइन का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया है. ताज-उल-मस्जिद के अलावा औरंगजेब द्वारा तामीर की गई बादशाही मस्जिद, जो लाहौर में है, उसका डिजाइन भी इस पर आधारित है.’’ 

दुनिया की भी सबसे बड़ी मस्जिद हो सकती है भोपाल वाली मस्जिद 
ताज-उल-मस्जिद के दारुल उलूम के प्रोफेसर हसन खान भी हाशमी से सहमति जताते हैं. खान ने कहा, ‘‘ताज-उल-मस्जिद हकीकत में भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है, जो जामा मस्जिद से एक तिहाई गुना बड़ी है. दरअसल, मेरी निजी राय में, ‘कवर क्षेत्र’ के मामले में यह दुनिया में सबसे बड़ी मस्जिद है. हालांकि, खुले क्षेत्र और कवर क्षेत्र दोनों को मिलाकर देखें तो, औरंगजेब द्वारा बनाई गई बादशाही मस्जिद सबसे बड़ी है.’’ हालांकि, इस मामले में कोई भी दावे तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है, लेकिन ‘कल्चर ट्रिप’ और ‘हैलो ट्रैवल’ जैसी कई वेबसाइट दावा करती हैं कि ताज-उल-मस्जिद में 1,75,000 नामाजियों के एक साथ नमाज पढ़ने की क्षमता है. वहीं, ‘ब्रिटानिका डॉट कॉम’ के मुताबिक, जामा मस्जिद के प्रांगण में 25,000 लोग ही एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं. यानी दिल्ली की जामा मस्जिद के भारत की सबसे बड़ी मस्जिद होने का दावा सही नहीं है. 


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