असम समेत पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से तबाही
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, बारिश और बाढ़ के कारण राज्य के 25 जिलों में 11 लाख से ज्यादा लोग मुतासिर हुए हैं.
गुवाहाटी / शरीफ उद्दीन अहमद: पूर्वोत्तर भारत के असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश सहित कई हिस्सों में लगातार चार दिन से जारी मूसलाधार बारिश के कारण शुक्रवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर रही. यहां की प्रमुख नदियां उफान पर हैं. शहरों से लेकर गांव तक में पानी भर गया है. ट्रेन और सड़क यातायात लगभग ठप-सी हो गई है. असम की बात करें तो यहां गुवाहाटी में भी बाढ़ की स्थिति काफी चिंताजनक बनी हुई है. आसाम के बरपेता जिले में एक भयानक वीडियो सामने आया है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक आदमी एक पुल के ऊपर से गुजर रहा था और बाढ़ के पानी के तेज बहाव के कारण पूरी रास्ते के साथ-साथ पुल भी टूट जाता है, लेकिन आदमी इस हादसे में बाल-बाल बच जाता है.
स्मार्ट सिटी गुवाहाटी महानगर में भी बाढ़ की हालत गंभीर बनी हुई है. असम की राजधानी दिसपुर के साथी रुक्मिणी गांव अभी भी बाढ़ में डूबी हुई है. जी सलाम की टीम ने बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर जायजा लिया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, बारिश और बाढ़ के कारण राज्य के 25 जिलों में 11 लाख से ज्यादा लोग मुतासिर हुए हैं.
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बाढ़ में कई लोग हुए लापता
असम के सोनितपुर जिले में जिया भोरोली नदी में चार लोगों को ले जा रही एक नौका पलट गई, जिसमें एक व्यक्ति लापता हो गया. जिले के एक अधिकारी ने बताया कि तीन लोगों को बचा लिया गया, लेकिन चौथे शख्स का पता नहीं चल सका है. गुवाहाटी के कई इलाकों और दीमा-हसाओ, गोलपारा, होजई, कामरूप और कामरूप (एम) के कुछ हिस्सों में ताजा भूस्खलन की सूचना मिली है. असम में इस साल बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई. विभिन्न विभाग प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए चौबीस घंटे काम कर रहे हैं.
कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर
असम में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिनमें निमटीघाट व धुबरी में ब्रह्मपुत्र, नागांव में कोपिली, कामरूप में पुथिमारी, नलबाड़ी में पगलादिया, बारपेटा में मानस और बेकी नदी शामिल हैं. बोंगाईगांव, डिब्रूगढ़, गोलपारा, कामरूप, कोकराझार, मोरीगांव, नलबाड़ी, सोनितपुर और दक्षिण सलमारा जैसे जिलों से भारी अपरदन की सूचना मिली है.
बाढ़ से 1,702 प्रभावित
बाढ़ की मौजूदा हालात के चलते 1,702 गांव प्रभावित हुए हैं, जिसके चलते 68 हजार से ज्यादा लोगों को 150 राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है. इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर भोजन और दवा वितरण के लिए 46 राहत केंद्र खोले गए हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन और आपातकालीन सेवा के जवान, पुलिस और एएसडीएमए के स्वयंसेवक युद्धस्तर पर प्रभावित क्षेत्रों में निकासी मुहिम चला रहे हैं. एएसडीएमए के अफसरों ने बताया कि अब तक 5,840 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है
मेघालय, अरुणाचल और त्रिपुरा में भी हालात खराब
मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भी हालात बेहद खराब हैं, जहां भूस्खलन के चलते सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं और गावों में पानी भर गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा कि मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स में सोहरा (पूर्व में चेरापूंजी) में शुक्रवार सुबह 8ः30 बजे से पिछले 24 घंटों में 972 मि.मी. बारिश हुई, जो जून के महीने में 1995 के बाद से सबसे ज्यादा है. अरुणाचल प्रदेश में, सुबनसिरी नदी के पानी के चलते एक जलविद्युत परियोजना का निर्माणाधीन बांध स्थल जलमग्न हो गया है. इस बीच, भारी वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर हुए भूस्खलन के बाद गुरुवार को त्रिपुरा का मुल्क के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया. त्रिपुरा में मूसलाधार बारिश के कारण पिछले एक महीने में कई ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं.
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