Dibang Project: मंगलवार को भारत ने अब तक का सबसे बड़े हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. दिबांग मल्टीपरपज़ प्रोजेक्ट (Dibang Multipurpose Project-MPP) नॉर्थ-ईस्ट में चाइना बॉर्डर के पास बन रहा है. पावर की बढ़ती डिमांड के कारण सरकरान ने यह प्रोजेक्ट बनाने का फैसला किया है. आपको जानकारी के लिए बता दें ये प्रोजेक्ट नेशनल हाईड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के जरिए बनाया जा रहा है. आज हम आपको इस प्रोजेक्ट की खासित बताने वाल हैं. 


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1- ये प्रोजेक्ट 2,880-megawatt का है जो अरुणाचल प्रदेश की दिबांग वैली की दिबांग नदी पर बन रहा है. जिसके लिए 319 बिलियन रुपयों के इनवेस्टमेंट का अप्रूवल हुआ है.
2 - इस प्रोजेक्ट को बनने में तकरीबन 9 साल लगने वाले हैं.
3- इस प्रोजेक्ट (Dibang Project) 278 मीटर ऊंचा डैम बनाया जाएगा. एक अंडर ग्राउंड पावर हाउस बनेगा. 6 होर्सशू शेप टनल बनाए जाएंगी.
4- परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण करना है और यह स्टोरेज पर आधारित है. एक बार बनने के बाद, ये भारत का सबसे ऊंचा बांध होगा जिसकी ऊंचाई 278 मीटर होगी.
5- पूरा होने के बाद अरुणाचल प्रदेश सरकार को 1346.76 एमयू या परियोजना की लागत का 12% प्राप्त होगा.
6- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 241 करोड़ रुपये 241 करोड़ रुपये स्थानीय लोगों की संस्कृति और पहचान को सुरक्षित रखने के लिए योजना पर इस्तेमाल किए जाएंगे, वहीं 327 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे लोकल लोगों को महफूज रखने के लिए इस्तेमाल होंगे.


आपको जानकारी के लिए बता दे ये भारत का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होने जा रहा है. जिसे चाइना बोर्डर के पास बनाया जा रहा है. सरकार जल्द ही इसपर काम करने वाली है. प्रोजेक्ट बनने से काफी लोगों को रोजगार मिलेगा और कई नए अवसर भी पैदा होंगे.