Digital Dementia: आपके याद रखने की क्षमता को ख़त्म कर रहा मोबाइल का प्रयोग; जाने क्या होता है डिजिटल डिमेंशिया
Digital Dementia: आज के डिजिटल युग में हर कोई डिजिटल गैजेट्स का बहुत उपयोग कर रहा है. बड़ो को देखकर बच्चे भी बहुत समय बिताने लगे है.
Digital Dementia: आज के डिजिटल युग में हम अपना बहुत समय मोबाइल स्क्रीन, लैपटॉप, टीवी स्क्रीन जैसे डिजिटल गैजेट्स के साथ बिताते हैं, औऱ आज-कल बच्चे भी स्क्रीन के सामने घंटों बिता रहे हैं. इसके साथ ही विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बच्चों द्वारा स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से डिजिटल डिमेंशिया का खतरा बढ़ रहा है.
डिजिटल डिमेंशिया क्या है?
दिल्ली के वरिष्ठ सर्जन डॉ. मनीष कुमार ने कहा कि डिजिटल डिमेंशिया कंप्यूटर, स्मार्टफोन और इंटरनेट जैसी डिजिटल तकनीक के ज्यादा उपयोग के कारण मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में गिरावट है. मतलब ज्यादा स्क्रीन के सामने समय बिताने से बहुत सी तस्वीरें, वीडियो, ऐप्स एक साथ आपके दिमाग पर हमला करते हैं. जिसकी वजह से दिमाग हर चीज को अच्छे से याद नहीं रख पाता है. यह चीज दिमाग पर असर डालता है.
डिजिटल डिमेंशिया के लक्षण
स्क्रीन पर बहुत ज्यादा समय बिताने से बच्चों में डिजिटल डिमेंशिया के लक्षण हो सकते हैं. आइए जानते है क्या लक्षण हैं?
भूलने की बीमारी
एर जगह ध्यान रखने में असमर्थता
चीजों को यादन रख पाना
ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी
डिजिटल डिमेंशिया से बचने के उपाय
बच्चों का स्क्रीन टाइम सीमित होना चाहिए, दो घंटे से ज्यादा स्क्रीन नहीं देखनी चाहिए. बच्चों को स्क्रीन से दूर करने के लिए गेम्स प्लान करना चाहिए.
डिजिटल की बजाय दिमाग का इस्तेमाल करने की आदत डालनी चाहिए.
बच्चों को नई चीजों में व्यस्त रखने की कोशिश करें. उन्हें नई चीजें सिखाने की कोशिश करें. बच्चों को नई भाषा, नृत्य, संगीत, कराटे जैसी क्लास में दाखिला देना चाहिए.
बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी बढ़ानी चाहिए. स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों में मोटापा बढ़ सकता है. इसे खत्म करने के लिए बच्चों को आउटडोर गेम खेलने के लिए कहना चाहिए.
बच्चे अपने माता-पिता को देखकर ही सब कुछ सीखते हैं. इसलिए बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए. इससे उनका ज्ञान भी बढ़ेगा और दिमाग भी तेज होगा.
बच्चों को पहेलियां सिखाएं और दिमाग का इस्तेमाल करने वाले नंबर गेम खेलें. इससे दिमाग तेज होता है.