Digital Gramin Seva Scheme For Women: महिलाओं को सशक्त (Empowered) बनाने और उद्यमशीलता (Entrepreneurship) को बढ़ावा देने के इरादे से, डीजीएस (Digital Gramin Seva) ने एक विशेष योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत, महिलाएं सिर्फ 249 रुपये की रियायती पंजीकरण शुल्क देकर बिजनेस वूमेन बन सकती हैं और घर बैठे ₹50,000 तक की कमाई कर सकती हैं. वहीं, पुरुषों के लिए पंजीकरण शुल्क 979 रुपये रखा गया है. यह पहल डीजीएस की उस प्रतिबद्धता को दिखाता है, जो महिलाओं की आर्थिक आजादी को बढ़ावा देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए जरूरी साधन और समर्थन प्रदान करने के लिए है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डिजिटल ग्रामीण सेवा के संस्थापक श्री ओम नारायण सिंह ने इस योजना के फायदों के बारे में बताते हुए कहा कि इस स्कीम के जरिए महिलाओं को वित्तीय लाभ, जैसे अनुदान, ऋण, और कर छूट का लाभ मिल सकता है, जिससे वे अपने काम करने की क्षमता को मजबूत कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि "हमारा मिशन ग्रामीण लोगों को डिजिटल दुनिया से जोड़ना और उन्हें सेवाओं तक आसान पहुंच मुहैया करना है. इस योजना के माध्यम से, हमने महिलाओं को व्यापार शुरू करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए एक न्यूनतम शुल्क की पेशकश की है."


डीजीएस के विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से नागरिक पासपोर्ट, पैन कार्ड, और ड्राइविंग लाइसेंस जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं तक ऑनलाइन पहुंच प्राप्त कर सकते हैं, जिससे समय और पैसे की बचत होती है. इस सहयोग से रोजगार पैदा करना, आर्थिक विकास को बढ़ावा, और नई तकनीकों को अपनाने के माध्यम से देश की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को भी मजबूती मिली है. 


डीजीएस का नेटवर्क अब पूरे भारत में फैला हुआ है, जिसमें 200,000 से अधिक रिटेलर, 5,000 डिस्ट्रीब्यूटर, 500 सुपर डिस्ट्रीब्यूटर और 15 जोनल हैड जुड़कर काम कर रहे हैं. कंपनी का मुख्य कार्यालय सरिता विहार, नई दिल्ली में मौजूद है, और दूसरा कार्यालय बलिया, उत्तर प्रदेश में है. अपने लगातार मिशन के जरिए, डीजीएस नई सेवाओं को पेश करने और ग्रामीण क्षेत्रों में अपने नेटवर्क का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके और डिजिटलिज़ेशन को बढ़ावा दिया जा सके.


डीजीएस, अभिनव योजनाओं और उनके ग्रामीण महिलाओं के जीवन पर प्रभाव से डिजिटल सशक्तिकरण के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन लाने के अपने मिशन पर अडिग है.