Digvijay Singh on Ghulam Nabi: गुजरात और हिमाचल प्रदेश के इलेक्शन के ऐलान के बाद सियासी बयानबाज़ी लगातार जारी है. हाल ही में कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को लेकर बयान दिया था. जिस पर दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है और गुलाम नबी को एक ऑफर दिया है.


गुलाम नबी आज़ाद ने क्या कहा?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गुलाम नबी आज़ाद ने रविवार को कहा था कि 'गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ही बीजेपी को चुनौती दे सकती है. आज़ाद ने कहा था कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को हरा नहीं पाएगी'. अब इसी बयान को लेकर कांग्रेस के सीनियर लीडर दिग्विजय सिंह ने गुलाम नबी आज़ाद को एक ऑफर दिया है.


दिग्विजय सिंह ने क्या कहा?


दिग्विजय सिंह ने आज़ाद के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि शुक्रिया भाईजान. लेकिन फिर आपके कांग्रेस छोड़ने की वजह समझ नहीं आई. जिस कांग्रेस ने आपको सब कुछ दिया, आप उसे ही छोड़ कर चले गए. दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा को अच्छा समर्थन मिल रहा है. आप उसमें शामिल होना चाहेंगे?


यह भी पढ़ें: EWS: जारी रहेगा 10 फीसद रिजर्वेशन, 5 में से 3 जज हिमायत में


"मैं नहीं था धर्मनिरपेक्षता की नीति के खिलाफ"


अब इस बयान के बाद गुलाम नबी आज़ाद का कोई बयान नहीं आया है. बाता दें हाल ही में गुलाम नबी आज़ाद ने का था कि भले ही मैं कांग्रेस से अलग हो गया हूं, लेकिन मैं उनकी धर्मनिरपेक्षता की नीति के खिलाफ नहीं था. मेरी पार्टी छोड़ने की वजह सिस्टम कमज़ोर होना था. गुजरात और हिमाचल प्रदेश के इलेक्शन में केवल कांग्रेस ही बीजेपी को चुनौती दे सकती है. जबकि आम आदमी पार्टी केवल दिल्ली की एक पार्टी है.



डोडा के दौरा पर हैं आज़ाद


आपको बता दें गुलाम नबी आज़ाद ने अक्टूबर में 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' बनाई है. वह फिलहाल डोडा के दौरे पर हैं. जहां वह कई डेलिगेशन से मुलाकात करेंगे, और कई रैलियों को खिताब (संबोधित) करेंगे. गुजरात में दो फेज़ में चुनाव होगा. जिनकी तारीख 1 और 5 दिसंबर है. वहीं गिनती 8 दिसंबर को की जाएगी. हिमाचल प्रदेश में चुनाव 12 नवंबर को होने हैं और इसका रिजल्ट 8 दिसंबर को डिकलेयर किया जाएगा.


इस्तीफे के दौरान नबी ने लिखा था खत


जानकारी के लिए बता दें कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे के दौरान गुलाम नबी आज़ाद अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक खत लिखा था. जिसमें उन्होंने इस बात का ज़िक्र  किया था कि पिछले कुछ सालों में कैसे कांग्रेस पार्टी में बदलाव आए हैं. इसके अलावा उन्होंने राहुल गांधी पर हमला बोला था. आज़ाद का दावा था कि एक मंडल पार्टी को चलाता है. जबकि सोनिया गांधी नाम की लीडर थीं. पार्टी के सभी बड़े फैसले राहुल गांधी, उनके सुरक्षा गार्ड या  फिर उनके पीए लेते आए हैं.