इंदौर: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू समेत छह नेताओं को इंदौर की एक अदालत ने एक-एक साल की सजा सुनाई है. इन पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. मामला 11 साल पहले 17 जुलाई 2011 को उज्जैन जिले का है. जब उज्जैन में दिग्विजय सिंह को भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए थे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस दौरान हुए विवाद में दिग्विजय सिंह, प्रेमचंद गुड्डू, अनंत नारायण मीणा, जयसिंह दरबार, असलम लाला, दिलीप चौधरी के अलावा तराना से कांग्रेस के मौजूदा विधायक महेश परमार और दो अन्य के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज हुआ था.


17 जुलाई 2001 की इस घटना को लेकर शनिवार को इंदौर की जिला अदालत में अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश नाथ की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया. जिसमें दिग्विजय सिंह और प्रेमचंद गुड्डू को धारा 325 व 109 का दोषी माना गया, जबकि चार आरोपियों जय सिंह, असलम लाला, अनंत नारायण मीणा और दिलीप चौधरी को धारा 325 में दोषी करार दिया गया है.


इस मामले में तीन अन्य आरोपी महेश परमार, मुकेश भाटी और हेमंत चौहान को अदालत ने बरी कर दिया है. हालांकि देर शाम को सभी दोषियों को 25_25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत भी मिल गई. दिग्विजय सिंह और इन सभी के वकील राहुल शर्मा का कहना है कि हमें कानून पर पूरा भरोसा है, आगे हाईकोर्ट में अपील करेंगे.


क्या था मामला?
मामला 2011 का है, जब उज्जैन में दिग्विजय सिंह का काफिला निकल रहा था और भाजयुमो और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए थे. इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता और कांग्रेस कार्यकर्ता आमने-सामने भिड़ गए थे. इसी दौरान उपरोक्त सभी पर भाजयुमो कार्यकर्ता अमय आप्टे पर जानलेवा हमले की कोशिश का आरोप लगाया गया था. इस मामले में उज्जैन के जीवाजीगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी.


इस मामले में दिग्विजय सिंह के अलावा सजा पाने में प्रेमचंद गुड्डू, जय सिंह, असलम लाला, अनंत नारायण, दिलीप चौधरी शामिल हैं. इन सभी को अदालत ने 1 साल की सजा और 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 


खबर अपडेट की जा रही है.


ZEE SALAAM LIVE TV