Diwali Bonus: दिल्ली सरकार ने अपने सभी विभागों और एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उन्होंने जिन ठेकेदारों की सेवा ली है, वे अस्थायी कर्मचारियों को बोनस दें. ठेके पर काम करने कर्मचारियों से मिली शिकायतों के बाद यह निर्देश दिया गया है.


20 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी देगी बोनस


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श्रम आयुक्त के हाल के जारी परामर्श में कहा गया है कि लेखा वर्ष के दौरान किसी भी दिन 20 या उससे अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाले सभी ठेकेदार इकाइयां बोनस भुगतान कानून, 1965 के अंतर्गत आती हैं.


सरकार को मिली हैं शिकायतें


इसमें कहा गया है, "यह ठेकेदारों की सांविधिक जिम्मेदारी है कि वे नियोक्ता के रूप में कर्मचारियों को बोनस का भुगतान करें." दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों ने बड़ी संख्या में वैसे कामगार काम कर रहे हैं जिन्हें ठेकेदारों ने नियुक्त किया है. परामर्श में कहा गया है कि ठेकेदारों के बोनस का भुगतान न करने को लेकर ‘आउटसोर्स’ कर्मचारियों से शिकायतें मिली हैं.


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सभी निजी प्रतिष्ठानों पर लागू होता है नियम


इसमें कहा गया है, "बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 सभी निजी प्रतिष्ठानों और राज्य सरकारों के प्रतिष्ठानों पर भी लागू होता है. यह वैसे प्रतिष्ठानों पर लागू होता है जिसने लेखा वर्ष के दौरान किसी भी दिन 20 या अधिक श्रमिकों को रोजगार दिया है." 


8.33 प्रतिशत बोनस भुगतान करने का है प्रावधान


परामर्श में कहा गया है, "अधिनियम की धारा 10 के तहत कामगारों को मूल वेतन और महंगाई भत्ते का न्यूनतम 8.33 प्रतिशत बोनस भुगतान का प्रावधान है. अधिनियम की धारा 19 के अनुसार लेखा वर्ष की समाप्ति के आठ महीने के बाद बोनस देय है. हालांकि, यह परंपरागत रूप से दिवाली से पहले दिया जाता है." इसमें कहा गया है, "बोनस का भुगतान न करने पर प्रतिष्ठान/ठेकेदार के खिलाफ अधिनियम की धारा 28 के तहत मामला चलाया जा सकता है."


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