नई दिल्लीः देशभर में दिवाली की तैयारियां अपने आखिरी शबाब पर हैं. देश में इतवार को छोटी दिवाली मनाई जाएगी और फिर सोमवार को पूरे मुल्क में बड़ी दिवाली मनाई जानी है. इससे पहले  दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन दरगाह में जश्ने चरागा का आयोजन किया गया है. इसमें 719 दिए जलाए गए हैं. अगले महीने हजरत निजामुद्दीन औलिया का 719 उर्स है, इसीलिए यहां पर 719 दीये  जलाए गए हैं. इस दौरान मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार भी पहुंचे उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन करने के पीछे आपसी भाईचारे का संदेश देना है.


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हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है जबकि किसी इस्लामी धार्मिक स्थल पर हिंदू त्यौहार को इतनी खुशदिली और पूरे जोश-ओ- खरोश के साथ मनाया गया हो. देश में ऐसे कई धार्मिक स्थल हैं, जहां होली और दिवाली का पूरे उत्साह और एहतराम के साथ आयोजन किया जाता है. उत्तर प्रदेश का देवा शरीफ इस काम के लिए देश और दुनियाभर में मशहूर हैं. यहां हर साल पूरे उल्लास के साथ होली का त्यौहार मनाया जाता है. कौन हिंदू और कौन मुसलमान, होली के सुर्ख रंगों में मजहब के सारे भेद मिट यहां मिट जाते हैं. 


शायद इसलिए कहा गया है कि हिंदुस्तान में होली और दिवाली हिंदुओं का नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तानियों का त्यौहार है, जिसे मनाने के लिए धर्म, नस्ल, जाति और वर्ग की सारी सरहदें छोटी पड़ जाती है. लोग एक होकर इन त्यौहारों को मनाते हैं और आपस में खुशियां सेलिब्रेट करते हैं. 


इस्लामी मामलों के जानकारी मुफ्ती अबरार अहमद कहते हैं, त्यौहार हमारी दूरियां मिटाते हैं. ये आपस में प्रेम और उख्वत का पैगाम देते हैं. हमें सभी के पर्व-त्यौहारों का सम्मान करना चाहिए, उसमें शिरकत करनी चाहिए, उसे मिलकर मनाना चाहिए.’’  


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