बहुत से लोगों को पता नहीं होता कि हमारी दैनिक आदतें हमें किसी बड़ी बीमारी का सामना करा सकती हैं. 1950 के दशक से दुनिया भर में ज्यादातर लोग इस बात से अनजान रहे हैं कि टॉयलेट में फ्लश करने से टॉयलेट के पानी में घातक कीटाणु फैल सकते हैं. हालांकि हममें से कई लोग फ्लशिंग से पहले ढक्कन बंद करना भूल जाते हैं. लेकिन इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शोधकर्ताओं ने क्या बात कही?


कोलोराडो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस मामले पर बात की. “हमने यह पता लगाने के लिए एक प्रयोग किया कि यदि हम टॉयलेट का उपयोग करने के बाद उसे फ्लश कर दें तो क्या होता है. हमने पाया कि टॉयलेट प्लम आठ सेकंड में 4.9 फीट तक फैल गया. लेकिन ये आंखों से दिखाई नहीं देते. ये 'टॉयलेट प्लम्स' एक तरह के बैक्टीरिया हैं जो टॉइलेट फ्लश करने के दौरान फैसले हैं.. ज्यादा चिंता की बात यह है कि फ्लश करने के बाद यह बैक्टीरिया और वायरस को बाथरूम के आसपास फैल जाते हैं. यह बैक्टीरिया ब्रश, टूथपेस्ट और साबुन समेत अन्य चीजों पर गिरते हैं. इसके अलावा.. इंसान भी संक्रमित होते हैं. इसलिए टॉयलेट का उपयोग करने के बाद फ्लश करने से पहले ढक्कन बंद कर देना चाहिए,''


जानें टॉयलेट से जुड़ी जरूरी बातें?


वैज्ञानिकों के मुताबिक, फ्लशिंग के बाद छोटी-छोटी बूंदों का गुबार हवा के माध्यम से पूरे बाथरूम में फैल जाता है. इससे बचने के लिए बेहतर है कि टॉयलेट का ढक्कन बंद करके ही फ्लश किया जाए. यह कीटाणुओं और दुर्गंधों के प्रसार को रोकने, स्वच्छता में भी मदद करता है. इस बीच, शोध से पता चला है कि फ्लशिंग से पहले ढक्कन बंद करने से नोरोवायरस जैसी बीमारियों की दर कम हो सकती है.


बंद करने के लिए ढक्कन की कमी के कारण सार्वजनिक शौचालय घरेलू शौचालयों की तुलना में लगातार अधिक दूषित होते हैं. परिणामस्वरूप, हवा में मौजूद छोटे कण लोगों को इन्फ्लूएंजा और सीओवीआईडी-19 जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों की चपेट में ला सकते हैं. इसलिए शौचालय का उपयोग करते समय न्यूनतम सावधानी बरतना सीखें.