Islami Knowledge: इस्लाम के मुताबिक अल्लाह ने इंसानों को अपनी इबादत के लिए बनाया है. अल्लाह ताला इंसानों से बहुत मोहब्बत करता है. एक जगह कहा गया है एक मां अपने बच्चे को जितनी मोहब्बत करती है, अल्लाह अपने बंदों से उससे कहीं ज्यादा मोहब्बत करता है. लेकिन अल्लाह के बंदे जब उसके बताए हुए रास्ते से भटक जाते हैं, तो वह उनसे नफरत करता है और उन्हें सजा देने के लिए दिन मुकर्रर कर दिया है. यहां हम कुछ ऐसे मामले पेश कर रहे हैं, जिनकी वजह से अल्लाह ताला कयामत के दिन अपने बंदों को नजरअंदाज करेगा.


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झूठी कमस खाने वाला


एक हदीस में आता है कि कयामद के दिन अल्लाह ताला उस शख्स को नजर अंदाज करेगा, जिसने अपना माल बेचते हुए झूठी कसम खाई थी और उसके लिए ज्यादा दाम वसूले थे. इस्लाम में कहा गया है कि कारोबार में झूठ मत बोलो. अगर आपका माल खराब है, तो ग्राहक को उसके बारे में बताओ. ग्राहकों से झूठ बोलकर ज्यादा कमाई करना गुनाह है.


जरूरत से ज्यादा पानी रोकने वाला


हदीस के मुताबिक अल्लाह ताला कयामत के दिन उस शख्स को भी नजर अंदाज करेगा, जिसने अपनी जरूरत से ज्यादा पानी रोका. और उस शख्स ने दूसरे जरूरतमंद बंदे को उस पानी का फायदा नहीं उठाने दिया. अल्लाह ताला कहेगा कि आज मैं अपनी मेहरबानी से तुमको महरूम करूंगा, क्योंकि तुमने फालतू पानी से मेरे बंदों को महरूम किया था, जबकि वह तुम्हारा अपना पैदा किया हुआ न था.


अस्र की नमाज के बाद झूठ बोलना


हदीस के मुताबिक अल्लाह ताला कयामत के दिन उन लोगों को भी नजरअंदाज करेगा, जिन लोगों ने अस्र की नमाज के बाद झूठी कसम खाई और उसके नतीजे में किसी ईमानवाले का माल हड़प लिया. यह माना जाता है कि अस्र की नमाज में फरिश्ते बड़ी तादाद में मस्जिद में होते हैं. अगर कोई असर की नमाज के बाद मस्जिद में झूठी कसम खाता है तो फरिश्ते उसकी गवाही देते हैं.