President Oath Ceremony: देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर काबिज हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज 25 जुलाई को अपने पद की शपथ ले ली है. उन्हें चीफ जस्टिस एन.वी. रमण पद और गौपनीयता की शपथ दिलाई. उन्हें 21 तोपों की सलामी दी. वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं.


ये लोग रहे मौजूद


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मुर्मू की शपथ ग्रहण समारोह में "उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संसद सदस्य और असैन्य एवं सैन्य अधिकारी समारोह में शामिल हुए."


भारी मतों से जीती थीं मुर्मू


बता दें कि मुर्मू ने चुनाव में 64 फीसद से ज्यादा वोट हासिल कर भारी मतों से पाष्ट्रपति पद का शपथ लिया था. द्रौपदी मुर्मू को 6,76,803  वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी यशवंत सिंहा को 3,80,177 वोट मिले थे. मुर्मू अब की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं. वह देश की राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला हैं.


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मुर्मू का सियासी सफर


ओडिशा के आदिवासी जिले मयूरभंज के रायरंगपुर गांव में जन्मी द्रौपदी मुर्मू झारखंड की प्रथम महिला राज्यपाल होने का गौरव प्राप्त कर चुकी हैं. वह झारखंड की प्रथम महिला राज्यपाल के रूप में भी अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं. द्रोपदी 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर रहीं हैं. वह झारखंड की नौवीं राज्यपाल रहीं. मुर्मू को उनके बेहतर फैसलों को लेकर उन्हें जाना जाता है.


अपनों को खोया


द्रौपदी मुर्मू के घर से 2010 से 2014 तक तीन अर्थियां उठी थीं. इन चार सालों के भीतर उनके दो बेटे और पति की मौत हुई है. बड़े बेटे की मौत आज भी रहस्य बनी हुई है. पता नहीं किस तरह उनके बड़े बेटे की मौत हुई है. बड़े बेटे का नाम लक्ष्मण मुर्मू था, उनकी मौत महज़ 25 बरस की उम्र में हुई थी. वहीं छोटे बेटे (बिरंची मुर्मू) की मौत एक सड़क हादसे में हुई थी उस वक्त बिरंची की उम्र 28 साल थी.. वहीं एक अक्टूबर 2014 को उनके पति भी उनका हमेशा के लिए साथ छोड़कर चले गए. 


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