UP News: प्रवर्तन निदेशालय यानी ED  ने आज एक और सपा नेता आरिफ अनवर हाशमी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी 8 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति सीज कर दी है. पूर्व सपा विधायक पर ED ने यह एक्शन PMLA एक्ट (धन-शोधन निवारण अधिनियम) के तहत किया है. हाशमी ने पुलिस से सांठगांठ कर थाने की जमीन पर कई सालों से कब्जा कर रखा था, जिसके बाद बलरामपुर जिले के डीएम ने FIR दर्ज कराई थी.    


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दरअसल, आरिफ अनवर हाशमी पर आरोप है कि उन्होंने बलरामपुर जिले के थाने की ही जमीन को पुलिस के साथ सांठगांठ कर फर्जी कागज बनवाया और थाने की 18 डेसिमल यानी एक डेसिमल= 1 435.6 वर्ग फुट जमीन गलत तरीके से हड़पने की नीयत से साल 2013 में राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया. इतना ही नहीं पूर्व MLA ने थाने के अहाते में एक मजार भी बनवा दिया और उस मजार का मुतवल्ली अपने भाई मारूफ अनवर हाशमी को बना दिया. आरोप है कि सपा नेता ने ये सब पुलिस के सहयोग से किया है. 


कब मुकदमा हुआ था दर्ज? 
हालांकि, काफी हो हल्ला होने के बाद तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह ने इस मामले की जांच कराई और जांच में हाशमी द्वारा दस्तावेजों में धोखाधड़ी करके गैर-कानूनी तरीके से थाने की जमीन पर कब्जा करने की पुष्टि हुई. इसके बाद SDM की तहरीर पर इस मामले में 1 अप्रैल 2024 को हाशमी और उसके भाई मारूफ के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कराई गयई और पुलिस को दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया.


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SHO ने मौके से सपा नेता को करवाया फरार
आदेश के अगले दिन जब सादुल्लाह SHO दोनों आरोपियों को अरेस्ट करने के लिए गए तो मौके से सपा नेता फरार हो गया. लेकिन पुलिस दूसरे आरोपी भाई मारूफ को अरेस्ट कर लिया. बाद में डीएम के पास SHO की शिकायत पहुंची कि उसने हाशमी से समझौता कर उसे पहले ही मौके से फरार होने में मदद की. शिकायत के आधार पर डीएम ने SHO के खिलाफ मजिस्ट्रियल इंक्वायरी का आदेश दिया, जिसमें SHO दोषी पाया गया. जांच अधिकारी ने SHO के खिलाफ इंक्वायरी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है. 


ED ने हाशमी की संपत्तियों को किया कुर्क
डीएम ने आरिफ अनवर हाशमी द्वारा कब्जाई हुई थाने की जमीन प्रशासन को वापस दिला दी है. इस कार्रवाई के बाद ED को भी लेटर लिखकर मामले की जांच कराने की मांग की गई थी, जिसके बाद ED ने पीएमएलए के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर 24 सितंबर को लखनऊ, गोंडा और बलरामपुर में मौजूद हाशमी की संपत्तियों को कुर्क कर लिया.