Elvish Yadav: सांप का ज़हर पड़ा हर नशे पर भारी; जानें, क्यों करते हैं लोग इसका नशा ?
दुनिया में नशा करने के बहुत से तरीके हैं, लेकिन कैनबिस, कोकीन और हेरोइन का नशा अब पुराना पड़ चुका है. अब लोग नशा करने के लिए सांप के जहर का भी सेवन करने लगे हैं. यूट्यूबर और बिग बॉस विनर एल्विश यादव पर इस तरह के आरोप लगने के बाद इस गंभीर मसले की तरफ लोगों का ध्यान गया है.
ट्रेडिशनल प्लांट बेस्ड ड्रग्स जैसे कैनबिस, कोकीन और हेरोइन से लेकर सिंथेटिक ड्रग्स जैसे ट्रामाडोल तक, ये नशे के वे तरीके हैं जिनके बारे में आप सबने कभी न कभी तो जरूर सुना होगा. फिर चाहे फिल्मों में या फिल्मी दुनिया की खबरों में इन नशीलें पदार्थों का जिक्र आम है, लेकिन आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको जिस नशे के बारे में बताएंगे उसे सुन कर आपके रोगंटे खड़े हो सकते हैं. लेकिन पहले जरूरी है कि ड्रग्स अब्यूज से जुड़े डेटा पर एक नज़र डाल लें.
बीते कुछ सालों में युवाओं में नशीले पदार्थों के सेवन की समस्या एक आम समस्या बन गई है, जो कि युवाओं के स्वास्थय को लेकर एक चिंता का विषय भी है. हांलाकि ये समस्या सिर्फ भारत की नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ी समस्या है, क्योंकि विश्व में युवा आबादी का एक बड़ा हिस्सा नशे का आदी बन चुका है. लेकिन अगर सिर्फ भारत में होने वाले ड्रग्स अब्यूज पर नजर डालें तो भारत में ड्रग्स की खपत पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से बढ़ रही है. आपको जान कर हैरानी होगी कि यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में ड्रग्स लेने वाले 13% लोगों की आयु 20 वर्ष से कम है.
22 मिलियन लोग करते हैं ओपिओइड का सेवन
नेशलन सर्वे के अनुसार, शराब भारत में सबसे अधिक इस्तमाल होने वाला नशा है, इसके बाद भांग और ओपिओइड आते हैं. भारत के कुछ राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, पंजाब, सिक्किम और छत्तीसगढ़ में भांग का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. इसके अलावा लगभग 30 मिलियन से अधिक लोग कैनबिस प्लांटस से बनाए जाने वाले नशे का इस्तेमाल करते हैं जिसमें से 2.5 मिलियन लोग कैनबिस के लती हैं. रिपोर्ट ये भी बताती है कि लगभग 22 मिलियन लोग ओपिओइड का इस्तेमाल करते हैं और करीब 7 मिलियन लोगों को ओपिओइड के इस्तेमाल से होने वाली समस्याओं में मदद की जरुरत होती है.
कितना महंगा है स्नेक विनम ?
आज हम एक भागदौड़ वाली जिंदगी जी रहें हैं जो तेजी से आगे बढ़ती जा रही है, भारत में अलग अलग तरह के ऐसे ड्रग्स एवेलेबल हैं, जो आसानी से मिल जाते हैं जैसे चरस, गांजा और कोकीन. इन ड्रग्स का इस्तेमाल तो अब बहुत आम हो गया है. लेकिन इसके अलावा अब एक नया ड्रग्स बहुत तेजी से नशे की दुनिया में अपने पैर पसार रहा है, जैसे कि सांप का जहर जिसे अच्छे शब्दों में स्नेक वेनम कहा जाता है. हांलाकि भारत के कुछ ग्रामीण इलाकों में स्नेक वेनम को नशे के तौर पर इस्तेमाल आम हो रहा है, लेकिन अब ये नशा गांव से उठ कर बड़े-बड़े शहरों में होने वाली रेव पार्टी तक पहुंच चुका है. इतना ही नहीं ये नशा इतना मंहगा है कि इसके 1 ग्राम के लिए आपको 20 से 25 हजार रुपए की कीमत चुकानी पड़ती है. इसके अलावा स्नेक वेनम का असर आपके शरीर में एक हफ्ते से लेकर महीने भर तक रह सकता है.
अब जान लिजिए इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है ?
आमतौर पर किसी भी सांप के जहर को निकाल कर उसे सूखा कर पाउडर बनाया जाता है और उसके बाद ड्रिंक्स में मिला कर इसका इस्तेमाल होता है.
इसके अलावा वो जो बहुत डेयरिंग है तो डायरेक्ट स्नेक बाइट भी लेते हैं.
सांप का जहर ड्रग्स के तौर पर ऐसे होता है इस्तेमाल
अपोलो अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ जतिन आहूजा कहते हैं, सांप का जहर ड्रग्स के तौर पर इस्तेमाल होता है.
तीन तरह से ये drugs ली जाती हैं. सीधे सांप से कटवाते हैं. अल्कोहल या opioid से मिक्स कर लेते हैं. या ट्रेंड सपेरों की देख रेख में जीभ पर कटवा लेते हैं.
इसे लेने के बाद कुछ देर तक इंसान होश में नहीं रहता. फिर वो होश में आता है तो उसे अच्छा लगता है. इससे 4 हफ्ते तक असर रहता है और लत नहीं लगती. इसलिए लोग इसका नशा करते हैं, लेकिन इस तरह के नशे से जान जा सकती है, दौरा पड़ना और सांस की नली का पैरालिसिस हो सकता है.
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