Emergency Chapter in MP: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने राज्य के स्कूल के सिलेबस में इमरजेंसी पर एक चैप्टर शामिल करने का ऐलान किया है. इस चैप्टर में आपातकाल के दौरान की गई “ज्यादतियों और दमन” के बारे में बताया जाएगा, जिसे 1975 में कांग्रेस सरकार ने लगाया था.


क्या है इस कदम का मकसद?


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यादव के अनुसार, इस कदम के पीछे मकसद वर्तमान पीढ़ी को 1975 से 1977 के आपातकाल के दौरान हुए संघर्ष से अवगत कराना है. आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों की एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “देश में व्याप्त परिस्थितियों, दमन और तत्कालीन कांग्रेस सरकार के जरिए उठाए गए कठोर कदम का विरोध करने के लोकतंत्र सेनानियों के दृढ़ संकल्प पर एक पाठ स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.”


लोकतंत्र सैनानियों के लिए ऐलान


यादव ने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष में हिस्सा लेने वाले लोकतंत्र सेनानियों के लिए कई अतिरिक्त सुविधाओं का भी ऐलान किया है. जैसे कि तीन दिनों तक सरकारी सर्किट और रेस्ट हाउस में 50 प्रतिशत की छूट के साथ रहना, राजमार्गों पर टोल के भुगतान में छूट, आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से लोकतंत्र सेनानियों के इलाज पर होने वाले खर्च के भुगतान में देरी नहीं करना.


इसके अलावा लोकतंत्र सेनानियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के मामले में एयर एंबुलेंस की सुविधा दी जाएगी और आपातकाल विरोधी योद्धाओं को किराए में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी. यादव ने सेनानियों के संबंधित कलेक्टरों को तीन महीने के भीतर भुगतान सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया है.


दिया जाएगा राजकीय सम्मान


यादव ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के अंतिम संस्कार की सभी व्यवस्थाएं राजकीय सम्मान के साथ की जाएंगी. साथ ही, अंतिम संस्कार के समय उनके परिजनों को दी जाने वाली राशि को मौजूदा 8,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया जाएगा. साथ ही लोकतंत्र सेनानियों के परिजनों को उद्योग या अन्य व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे.


बता दें, 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू कर दिया था, विपक्षी नेताओं और असंतुष्टों को जेल में डाल दिया गया था और प्रेस सेंसरशिप लागू कर दी गई थी.