नई दिल्ली: मरकज़ी हुकूमत ने बृहस्पतिवार को मुख्तलिफ सियासी जमातों के नेताओं को अफ़ग़ानिस्तान की ताजा सूरते हाल की जानकारी दी और कहा कि वहां से भारतीय कर्मियों को बाहर निकालना उसकी अव्वलीन तरजीह है जहां फिलहाल सूरते हाल काफी खराब है.


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पिछले हफ्ता ही तालिबान की तरफ से अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा करने के मद्देनज़र, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सियासी दलों के नेताओं को उस देश के ताजा हालात के बारे में जानकारी दी.


पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी में हुई इस बैठक में डॉक्टर एस जयशंकर के अलावा केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पियूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी मौजूद थे.



समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक़ सरकार ने बताया कि अफ़ग़ानिस्तान से जितने ज़्यादा लोगों का लाना मुमकिन हैं, भारत इसकी कोशिश कर रहा है. सरकार ने ये भी बताया कि जंग से मुतासिर अफ़ग़ानिस्तान की सूरते हाल गंभीर रूप से चिंताजनक है और तालिबान ने दोहा समझौते में किए गए वादों को तोड़ दिया है.


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गौरतलब है कि  कि तालिबान नेताओं और अमेरिका के बीच फरवरी 2020 में हुए दोहा समझौते में मज़हबी आज़ादी और जमहूरियत को अंडरलाइन किया गया था. इसमें काबुल में एक ऐसी सरकार की बात कही गई थी जिसमें अफगानिस्तान के सभी वर्गों की नुमाइंदगी हो.


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आज होने वाली इस मीटिंग में एनसीपी नेता शरद पवार, राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के टीआर बालू, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल भी शामिल थीं.


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