Agra Fake Medicine: Africa समेत इस मुस्लिम मुल्क में भेजी जा रही थी आगरा में बनी नकली दवा; बड़ा खुलासा!
Agra: आगरा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां नकली दवाओं का भंडाफोड़ हुआ है. जीजा और साला दोनों नकली दवाएं बना रहे थे. पूरी खबर पढ़ें.
Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा में एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. यहां थाना सिकंदरा के शास्त्रीपुरम में दो दवा फैक्ट्रियों से 4.5 करोड़ रुपए की कीमत की नकली दवाओं का जखीरा पकड़ा गया है. बात सिर्फ यह ही नहीं इन दवाओं को दूसरे देशों में भी भेजा जा रहा था. ड्रग विभाग की जांच में कई चीजें सामने निकलकर आई हैं.
क्या है पूरा मामला?
ड्रग और पुलिस डिपार्टमेंट के मुताबिक इस पूरे रैकेट के पीछे अश्विनी गुप्ता और उसका साला सौरभ शामिल हैं, जो जानवरों की दवा बनाने की फैक्ट्री में काम किया करते थे. उसी के एक्सपीरियंस से उन्होंने अपनी दवा की फैक्ट्री खोल ली.
10 गुना दाम पर बेचते थे पैसा
रिपोर्ट के मुताबिक ये लोग नकली दवाएं 10 गुना ज्यादा दामों पर बेचा करते थे. इसके साथ ही इन लोगों की कुछ दवाएं तो अफगानिस्तान और दूसरे अफरीदी देशों में भी भेती जाती थीं. ड्रग विभाग ने अश्वनी गुप्ता की फैक्ट्री से 25 तरह की दवाओं के नमूने लिए हैं. वहीं सौरभ की फैक्ट्री से 24 तरह की दावों के नमूने लिए हैं. अब तक की जांच में करीब 4.5 करोड़ की नकली दवाएं बरामद हुई हैं.
मोहाली में फेक दवाओं का भंडाफोड़
फेक दवाई का एक ऐसा ही मामला सामने आया था. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने एमके टेक्नोलॉजी पार्क, तंगोरी की एक फैक्ट्री में कथित तौर पर नकली दवाइयां बनाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों की पहचान पिंजौर के चिंदा सिंह, हरप्रीत सिंह और पश्चिम बंगाल के सुमित कुमार के रूप में हुई थी.
पुलिस ने फैक्ट्री से 1,470 क्लेव-एम गोलियां (जीवाणु संक्रमण से लड़ने के लिए), 11,865 टेल्मा-एच गोलियां (उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए), 20 किलोग्राम ट्रिप्सिन (कच्चा माल), पैकिंग सामग्री, 2.5 किलोग्राम खुली गोलियां और नौ दवा बनाने वाली मशीनें बरामद की थीं.