Farmers Talk Update: संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पोलिटिकल) के संयोजक जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान सुप्रीम कोर्ट के जरिए बनाई गई समिति से मुलाकात नहीं करेंगे. किसानों को बुधवार को समिति के साथ बैठक करनी थी, लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार के साथ बातचीत करने सहित कई कारणों का हवाला देते हुए बैठक करने से इनकार कर दिया.


क्यों नहीं करना चाह रहे कमेटी से मीटिंग


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पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर  न्यायाधीश न्यायमूर्ति नवाब सिंह (समिति प्रमुख) को संबोधित अपने पत्र में दल्लेवाल ने कहा, "जैसा कि आप पहले से ही जानते होंगे, मैं 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर भूख हड़ताल पर हूं. आज मेरी हड़ताल का 22वां दिन है और मुझे यकीन है कि आप मेरी मेडिकल कंडीशन से अवगत होंगे. मेरी भूख हड़ताल ऐलान 4 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के जरिए किया गया था, जो 43 दिन पहले हुई थी. तब से हड़ताल शुरू हुए 22 दिन बीत चुके हैं."


40 से ज्यादा किसान हुए घायल


उन्होंने इस बात पर रोशनी डाली कि शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर पैदल मार्च करने की कोशिश कर रहे किसानों को पुलिस की बर्बरता का सामना करना पड़ा, जिसकी वजब से कथित तौर पर 40 से अधिक किसान घायल हो गए. दल्लेवाल ने कहा, "किसानों और सरकार के बीच विश्वास बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जरिए समिति का गठन किया गया था, फिर भी आपने इस दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं किया और न ही हमारी जायज मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार के साथ कोई गंभीर चर्चा की."


4 नवंबर को हुई थी मुलाकात


उन्होंने यह भी कहा कि दोनों संगठनों को पहले से ही इस बात पर संदेह है कि ऐसी समितियों का गठन महज फॉर्मेलिटी के तौर पर किया जाता है. उन्होंने कहा,"फिर भी, आपका और आपकी समिति का सम्मान करते हुए, हमारा डेलिगेशन 4 नवंबर को आपसे मिला था. हालांकि, स्थिति की गंभीरता के बावजूद, आपकी समिति को खनौरी और शंभू सीमाओं का दौरा करने का समय नहीं मिला है. मुझे यह देखकर बहुत दुख हुआ कि आपने इतनी देरी के बाद ही कार्रवाई की है."


अब से हमारी चर्चा केवल केंद्र के साथ होगी
दल्लेवाल ने कहा,"क्या यह समिति मेरी मौत का इंतजार कर रही थी? हमें आपकी समिति के सम्मानित सदस्यों से ऐसी असंवेदनशीलता की उम्मीद नहीं थी. मेरी मेडिकल कंडीशन और शंभू सीमा पर घायल किसानों की दुर्दशा को देखते हुए, हमारे दोनों संगठनों ने फैसला लिया है कि हम आपके साथ बैठक में शामिल होने में असमर्थ हैं. अब से, हमारी मांगों के संबंध में कोई भी चर्चा सीधे केंद्र सरकार के साथ ही होगी."


बता दें, रिपोर्ट्स के मुताबिकभारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धूपुर) के अध्यक्ष दल्लेवाल की हालत गंभीर है और चिकित्सा विशेषज्ञ उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दे रहे हैं. इसके बावजूद उन्होंने चिकित्सा हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है और किसानों के हित के लिए अपनी भूख हड़ताल जारी रखने पर जोर दे रहे हैं."


सितंबर में कमेटी का गठन
सितंबर में, टॉप कोर्ट ने शंभू सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों और शिकायतों पर गौर करने के लिए न्यायमूर्ति नवाब सिंह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक समिति गठन किया था. मंगलवार को कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के लिए 'अनुदान मांगों (2024-25)' पर अपनी पहली रिपोर्ट (अठारहवीं लोकसभा) लोकसभा में पेश की थी.


यह रिपोर्ट पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और जालंधर से वर्तमान सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के जरिए पेश की गई थी, जो कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष भी हैं.