Farmers Protest: समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के किसान आज शंभू सीमा से अपने ‘दिल्ली चलो’ मार्च की शुरुआत कर रहे हैं, वहीं हरियाणा के अंबाला जिले में बड़ी भीड़ के इकट्ठा होने को रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.


शंभू बॉर्डर पर स्लो हो सकता है ट्रैफिक


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एनएच-44 पर शंभू सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जिससे यातायात की गति धीमी हो सकती है. हरियाणा और पंजाब पुलिस ने अतिरिक्त संसाधन तैनात किए हैं. पुलिस ने पीटीआई को यह भी बताया कि वे सिंघु सीमा पर निगरानी रखेंगे और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.


इन जगहों पर लगाई गई धारा 163


वहीं अंबाला में जिला प्रशासन ने सेक्शन 163 नाफिज़ कर दिया है. पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है और शंभू सीमा के आसपास नोटिस जारी कर दिए गए हैं. एचटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जींद में भी धारा 163 लगा दी गई है, जहां किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल पिछले 10 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं.


क्या है किसानों की मांगें?


शुक्रवार को 100 से ज़्यादा किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच करने वाले हैं. किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, भूमि अधिग्रहण कानून की बहाली और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग की है.


इसके साथ ही उन्होंने 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए "न्याय" और 2020-21 में पिछले विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है.


सोमवार को शुरू हुआ था मार्च


सोमवार को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग  हिस्सों से लगभग 5,000 किसानों ने 1997 से सरकार के जरिए अधिग्रहित भूमि के लिए उचित मुआवजे की मांग करते हुए संसद तक अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया. हालांकि, उन्हें नोएडा-दिल्ली सीमा पर रोक दिया गया. गौतमबुद्ध नगर, आगरा, मेरठ और बुलंदशहर के 3,000 से अधिक किसानों के साथ 25 नवंबर को शुरू हुआ आंदोलन सोमवार को आठवें दिन में एंट्री कर चुका है.