फिरोजाबादः उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद नगर के एक प्रतिष्ठित पीजी काॅलेज के प्रोफेसर ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की तस्वीर पर मुबैयना तौर पर नाजेबा तंकीद करने के मामले में मंगल को अदालत में सरेंडर कर दिया. कोर्ट में प्रोफेसर की अंतरिम जमानत की याचिका खारिज होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. शासकीय अधिवक्ता राजीव प्रियदर्शी ने बताया कि पिछली सात मार्च को एस. आर. के. महाविद्यालय के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शहरयार अली ने हुमा नकवी नामी एक औरत के जरिए फेसबुक पर डाली गई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की फोटो पर मुबैयना तौर पर अभद्र टिप्पणी की थी.

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हिंदूवादी संगठनों ने जताया था ऐतराज 
प्रोफेसर की इस टिप्पणी के खिलाफ कुछ हिंदूवादी संगठनों ने विरोध दर्ज कराया था. इस मामले में पार्षद एवं भाजपा नेता उदय प्रताप सिंह की तहरीर पर रामगढ़ थाने में मामला दर्ज किया गया था. प्रियदर्शी ने बताया कि इस मामले में प्रोफेसर शहरयार अली ने मंगल को अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) अनुराग कुमार की अदालत में आत्मसमर्पण किया और अंतरिम जमानत की अर्जी दी, जिसे न्यायाधीश ने खारिज कर दिया. उसके बाद अदालत के आदेश पर शहरयार अली को जेल भेज दिया गया. 

कोर्ट ने खारिज की थी अंतरिम बेल की अर्जी 
इससे पहले प्रोफेसर शहरयार अली ने कोर्ट में कहा था कि उनका फेसबुक अकाउंट कुछ समय के लिए हैक हो गया था और स्मृति ईरानी पर की गई टिप्पणी इस दौरान की गई थी, लेकिन कोर्ट ने उनके इस दलील को खारिज कर दिया. प्रोफेसर ने गिरफ्तारी से राहत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक अर्जी दी थी, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली और आखिर में कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा. 


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