Shyam Saran Negi: आजाद हिंदुस्तान के पहले वोटर श्याम सरन नेगी (Shyam Saran Negi) अब इस दुनिया में नहीं रहे. 106 वर्ष की उम्र में उनका देहांत हो गया है. श्याम सरन नेगी भारत के आजाद होने के बाद पहली बार 1952 में हुए चुनाव में हिस्सा लिया था और अब तक वो 33 बार वोट डाल चुके हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि उन्होंने पहली बार वोट 1952 में नहीं डाला था, बल्कि 1951 में डाला था. अब आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि जब आजाद में पहली बार चुनाव 1952 में हुए थे तो श्याम सरन ने 1951 में कैसे वोट डाल दिया?


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1951 में क्यों डाला था पहला वोट
दरअसल जब हिंदुस्तान आज़ाद हुआ तो मुल्क के सामने आम चुनाव कराना एक बहुत बड़ी चुनौती थी. उस वक्त चुनाव कराना बहुत मुश्किल काम था. इसीलिए यह पहले आम चुनाव प्रक्रिया तकरीबन 4 महीने तक चली थी. एक जानकारी के मुताबिक अक्टूबर 1951 से लेकर फरवरी 1952 तक भारत आम चुनाव हुए थे. पहाड़ी, ऊंची और बर्फबारी की वजह इस इलाके में वोटिंग पहले ही (1951 में) करा ली गई थी. श्याम सरन नेगी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के रहने वाले थे. वहां पर भी चुनाव पहले ही हुए थे. तो ऐसे में कहा जा सकता है कि उन्होंने 1951 में वोट डाला था लेकिन उन्होंने 1952 में मुकम्मल हुए पहले आम चुनाव के लिए ही वोट डाला था. 


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बहुत मुश्किल था भारत के लिए चुनाव कराना:
पहले आम चुनावों की कामयाबी की वजह से भारत एक नए मकाम पर आ खड़ा हुआ था. हमारा देश अंग्रेजों के ज़रिए लुटा-पिटा, कंगाल और अनपढ़ जरूर था लेकिन आम चुनाव की कामयाबी ने देश को खुद को दुनिया के लोकतांत्रिक देशों की कतार में खड़ा कर दिया. अग्रेजों का कहना था कि हिंदुस्तान कभी भी लोकतंत्र को नहीं पचा पाएगा. 


पहले आम चुनाव (1951-1952 Election):
पहले आम चुनाव की बात करें तो 497 लोकसभा की और 3283 राज्य विधानसभाओं की सीटों के लिए वोटिंग हुई थी. जिनमें देश के 17 करोड़ 32 लाख 12 हजार 343 वोटर्स का रजिस्ट्रेशन हुआ था. इनमें से 10 करोड़ 59 लाख लोगों ने वोट डाले थे.  85 फीसद वोटर्स अनपढ़ थे. इन 'अनपढ़' लोगों उम्मीदवारों को चुनाव करके पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया था.