Harmanpreet Kaur: हरमनप्रीत कौर का बांग्लादेश के खिलाफ व्यवहार खराब होने को लेकर काफी बातें हो रही हैं. उनके इस बर्ताव को हर कोई गलत बता रहा है. अब इस मामले में दो दिग्गजों का बयान भी सामने आया है. उन्होंने भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत के इस बर्ताव को 'दुखद' करार दिया है और बीसीसीआई से उनके खिलाफ एक्शन लेने की बात कही है. आप को बता दें कि इस मामले मे 1983 वर्ल्ड कप विनर मदन लाल ने ट्वीट किया है, और कहा है कि भारतीय कप्तान मैच से ज्यादा बड़ी नहीं हैं.


क्या बोले मदन लाल?


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मदन लाल ने अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया है- "बांग्लादेश महिला टीम के खिलाफ हरमनप्रीत का व्यवहार 'पैथेटिक' था. वह खेल से बड़ी नहीं हैं, इससे भारतीय क्रिकेट का बहुत बुरा  हुआ. बीसीसीआई को बहुत कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए."



अंजुम चोपड़ा का हरमनप्रीत पर बड़ा बयान


वहीं, इसके अलावा इस मामले में  भारत की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा है हरमनप्रीत कौर को अपने शब्दों का चयन सही करना चाहिए. किसी बात से असंतुष्ट होना ठीक है, लेकिन इसे कहने का तरीका है. अंजुम चोपड़ा ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा- “जब आक्रामकता दूर हो जाएगी और वह शांत हो जाएंगी तो मुझे यकीन है कि वह पीछे मुड़कर देखेंगी और सहमत होंगी कि उन्हें अपनी असहमति दिखाने में अधिक सावधान रहने की जरूरत है. अपनी नाराजगी व्यक्त करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे और कब करते हैं. उन्हें शब्दों के चयन में भी अधिक चयनात्मक होना चाहिए था,'' 


उचित नहीं था ये करना


अंजुम कहती हैं- “वहां कोई स्निकोमीटर या बॉल-ट्रैकिंग नहीं थी, इसलिए इसका आकलन करना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन अगर उन्हें (भारतीय टीम को) लगा कि कुछ फैसले उनके अनुरूप नहीं रहे, तो क्या चीजों को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था? भारतीय कप्तान को मैच के बाद प्रेजेंटेशन में जाकर अपनी नाराजगी व्यक्त करने की नौबत क्यों आई? इसे बेहतर तरीके से संप्रेषित किया जा सकता था. स्थिति यहां तक कैसे पहुंची? भारतीय टीम का अच्छा प्रदर्शन नहीं करना उनकी निराशा का कारण हो सकता है लेकिन इसे ड्रेसिंग रूम में ही रखा जा सकता था. इस तरह सार्वजनिक रूप से बाहर जाना उचित नहीं था.”