G. N. Saibaba Acquitted: दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर को बड़ी राहत मिली है. बांम्बे हाईकोर्ट ने नक्सली मामले में उन्हें बरी कर दिया है. नक्सली मामले में जीएन साईंबाबा के साथ पांच और लोगों को भी अदालत ने राहत दी है. बांम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ के जज विनय जोशी और जस्टिस वाल्मिकी एसए मेनेजेस की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. जीएन साईंबाबा और दूसरे मुल्जिमों को साल 2014 में मओवादी गुटों से जुड़े होने और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया.


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दोबार किया गया रिहा
जिन लोगों को हाईकोर्ट से राहत मिली है उसमें जीएन साईंबाबा, हेम मिश्रा, महेश तिर्की, विजय तिर्की, नारायण सांगलीकर, प्रशांत राही और पांडु नरोटे (मृत) हैं. बाम्बे हाईकोर्ट ने पहले इन लोगों को बरी किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया था. इसके बाद जीएन साईबाबा ने दौबार अपील की थी.


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2017 में दोषी करार
दरअसल माओवादियों से ताल्लुक रखने के लिए गढ़चिरौली की सत्र अदालत ने मार्च 2017 में साईबाबा और दूसरे लोगों को दोषी करार दिया था. इसके बाद 14 अक्टूबर 2022 को इस मामले में बाम्बे हाईकोर्ट ने साईबाबा को बरी कर दिया था. सरकारी वकील की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने बाम्मबे हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया था. इसके बाद 7 सितंबर 2023 में बांम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.


कौन हैं साईबाबा
ख्याल रहे कि साईबाबा दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर हैं. वह 99 फीसद विकलांग हैं. वह फिलहाल नागपुर सेंट्रले जेल में हैं. साईबाबा की पैदाईश आंध्र प्रदेश के कस्बे अमलापुरम में हुआ. वह लेखक और कार्यकर्ता हैं.


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