Supreme Court on Nawab Malik: सुप्रीम कोर्ट से NCP नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को बड़ी राहत मिली है, कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से उन्हें मिली अंतरिम राहत बनी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही कहा है कि यह राहत जब तक बनी रहेगी, जब तक उनकी नियमित जमानत पर हाईकोर्ट का आदेश नहीं आ जाता है.


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ईडी ने नहीं किया विरोध
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अंतरिम जमानत की याचिका का विरोध नहीं किया और कहा कि अंतरिम मेडिकल जमानत को स्थायी किया जा सकता है. मलिक अगस्त 2023 से अंतरिम मेडिकल जमानत पर हैं. अगस्त 2023 में सु्प्रीम ने मलिक को दो महीने के लिए मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी थी, जिसे अक्टूबर में तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था.


सुप्रीम कोर्ट ने दी थी राहत
सुप्रीम कोर्ट समय-समय पर उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाती रही है. मलिक ने पहले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने अस्थायी मेडिकल जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. मलिक ने स्वास्थ्य आधार पर जमानत मांगते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दावा किया था कि वह कई दूसरे बीमारियों के अलावा क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित है.


क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने 1999-2006 के बीच दाऊद इब्राहिम की दिवंगत बहन हसीना पारकर की मदद से कुर्ला में एक संपत्ति हड़पी थी. ईडी ने आरोप लगाया कि चूंकि पारकर दाऊद के अवैध कारोबार को संभालती थी, इसलिए पैसे का इस्तेमाल आखिरकार आतंकी फंडिंग के लिए किया गया.


आर्यन खान मामले छेड़ी थी मुहीम
एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने आर्यन खान मामले में समीर वानखेड़े के खिलाफ मुहिम छेड़ी थी, जिसके बाद CBI ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसके बाद नवाब मिलक विरोधियों के निशाने पर आ गए थे. इस दौरान नवाब मलिक के खिलाफ ईडी ने मुकदमा दर्ज किया था और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.