नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की केजरीवाल सरकार की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने राजधानी की अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) के खिलाफ सीबीआई जांच (CBI Inquiry) की सिफारिश की है. आरोप है कि दिल्ली (Delhi) की नई एक्साइज पॉलिसी (Delhi Excise Policy 2022) में शराब के दुकानों के टेंडर में बड़ी गड़बड़ी की गई है. ये बात सामने आई थी कि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की नई आबकारी नीति में कई नियमों को नजरअंदाज करते हुए टेंडर जारी किए थे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानकारी के मुताबिक उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने ये कदम ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद उठाया है. मुख्य सचिव की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नई एक्साइज पॉलिसी में नियमों की अनदेखी कर टेंडर दिए गए. मुख्य सचिव की रिपोर्ट में दिल्ली के सीएम मनीष सोसिदिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं. 


गौरतलब है कि दिल्ली का एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के अधीन है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नीति के जरिए कोरोना के बहाने लाइसेंस की फीस माफी की गई. शराब कारोबारियों को टेंडर में 144.36 करोड़ की छूट दी गई. 


ये भी पढ़ें :T20 World Cup 2022 से पहले ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज़ खेलेगी भारतीय टीम


बीजेपी ने किया स्वागत
वहीं, दिल्ली बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा की दिल्ली में शराब कारोबारियों से केजरीवाल सरकार की साठगांठ की पोल खुल गई है, क्योंकि उपराज्यपाल ने पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं और जांच में जल्द ही सच सामने आ जाएगा, क्योंकि दिल्ली सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर शराब माफियाओं का साथ दिया है जबकि नियम यह कहता है कि किसी भी ब्लैक लिस्टेड कंपनी को टेंडर नहीं दिया जाएगा लेकिन दिल्ली सरकार ने टेंडर दिया.


दिल्ली बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना ने ये भी कहा कि मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को लोकल डिस्ट्रीब्यूशन की परमिशन नहीं दी जाएगी लेकिन केजरीवाल सरकार ने दी ऐसी तीन काम अभी सामने आए है जिन्हें केजरीवाल सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर किया है.


वीडियो भी देखिए: