बुरे फंसे Gautam Adani, अमेरिकी कोर्ट ने ठहराया दोषी; जानें पूरा मामला
Gautam Adani Charged: हिंडनबर्ग मामले में कानून का सामना कर रहे अदाणी को यूएसए की एक कोर्ट ने अरबों डॉलर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के करने के आरोप में दोषी ठहराया है. इस खबर के बाद गुरुवार, 21 नवंबर को शुरुआती एशियाई कारोबार में अदाणी समूह की कंपनियों के डॉलर बांड की कीमतों में काफी गिरावट आई है.
Gautam Adani Charged: मशहूर बिजनेसमन गौतम अदाणी को लेकर अमेरिका से बहुत बड़ी खबर आई है. हिंडनबर्ग मामले में कानून का सामना कर रहे अदाणी को यूएसए की एक कोर्ट ने अरबों डॉलर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के करने के आरोप में दोषी ठहराया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप में न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने अदाणी को घूस देने, निवेशकों को गुमराह करने और धोखाधड़ी का दोषी ठहराया है. कंपनी के चेयरमैन पर आरोप लगने के बाद गुरुवार, 21 नवंबर को शुरुआती एशियाई कारोबार में अदाणी समूह की कंपनियों के डॉलर बांड की कीमतों में काफी गिरावट आई है.
अदाणी समूह में आई भारी गिरावट
एलएसईजी डेटा के मुताबिक, अगस्त 2027 में परिपक्व होने वाले अदानी पोर्ट और स्पेशल इकोनॉमिक जोन द्वारा जारी लोन में डॉलर पर पांच सेंट से ज्यादा की गिरावट आई है. फरवरी 2030 में परिपक्व होने वाले अदाणाी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई के बांड में लगभग आठ सेंट की गिरावट आई, जबकि अदानी ट्रांसमिशन के बांड में भी पांच सेंट से ज्यादा की गिरावट देखी गई, जो 80 सेंट से थोड़ा ऊपर कारोबार कर रहे थे. ये गिरावट फरवरी 2023 के बाद से सबसे तेज गिरावट है.
2 बिलियन डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान
इस केस में गौतम अदाणी के साथ 8 लोगों के नाम हैं, जिनमें सागर एस अदाणी, विनीत एस. जैन, रंजीत गुप्ता, सिरिल कबानेस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा, और रुपेश अग्रवाल शामिल हैं. इन लोगों पर पर आरोप लगे हैं कि वे रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों के साथ झूठ बोला है. इसके अलावा ये आरोप है कि 2020 से 2024 के बीच अदाणी समेत सभी आरोपी भारत सरकार को कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को करीब 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने के लिए तैयार हुए थे. बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट से कंपनी को 20 साल में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा मुनाफा होने का अनुमान था.
अमेरिकी प्रोसिक्यूटर ने क्या कहा?
अमेरिकी प्रोसिक्यूटर ने बुधवार को कहा कि अरबपति गौतम अदाणी पर करोड़ों डॉलर की रिश्वत देने और निवेशकों से भुगतान छिपाने का आरोप लगाया. समाचार एजेंसी एएफपी ने उप सहायक अटॉर्नी जनरल लिसा मिलर के हवाले से कहा, "इस अभियोग में भारत सरकार के अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देने, निवेशकों और बैंकों से झूठ बोलकर अरबों डॉलर जुटाने और न्याय में बाधा डालने की योजनाओं का आरोप है."
एसईसी ने आरोप लगाया कि रिश्वतखोरी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों अदाणी ग्रीन और एज़्योर पावर को भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई बहु-अरब डॉलर की सौर ऊर्जा परियोजना को भुनाने में सक्षम बनाने के लिए बनाई गई थी. पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि शिकायत में उन पर संघीय प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी विरोधी प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है और स्थायी निषेधाज्ञा, नागरिक दंड और अधिकारी और निदेशक को जेल में डालने की मांग की है.
एसईसी ने एक बयान में कहा कि कथित योजना के दौरान, अदाणी ग्रीन ने अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन अमरीकी डालर से ज्यादा जुटाए, और एज़्योर पावर के स्टॉक का न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार किया. वहीं,एफबीआई के सहायक निदेशक जेम्स डेनेही ने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर जांच में बाधा डालने की भी कोशिश की.