Ghaziabad: गाजियाबाद के मोदीनगर का एक मामला तूल पकड़े हुए है. यहां कब्रिस्तान में पीर के पास बने शिवलिंग का मामला तूल पकड़े हुए है. यहां काफी वक्त से पूजा अर्चना होती आ रही है. लेकिन अब हिंदू संगठन नाराज हैं और मांग कर रहे हैं कि इसके लिए अलग रास्ता और अहाता बनाया जाए. मामला तूल इसलिए भी पकड़ा हुआ है क्योंकि जिस गांव में यह शिव लिंग है, वहां मुसलमानों की 80 फीसद आबादी है.


क्या है हूंदू सगंठनों का आरोप


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इस मजार को लेकर हिंदू सगठन का आरोप है कि दूसरे पक्ष के लोगों ने जानबूझकर शिवलिंग के पा मजार बनवा दी और फिर शिवलिंग को चारदिवारी में कैद करने की कोशिश की गई.


मुस्लिम बहुल गांव ने लिया बड़ा फैसला


गाजियाबाद में हाल ही में मिले शिवलिंग तक पहुंचने के लिए अलग रास्ता बनाने का फैसला किया गया है. इस दौरान हिंदू संगठनों ने वहां पहुंचकर शुद्धिकरण और पूजा अर्चना की है. बता दें ये शिव लिंग गाजियाबाद के थाना मोदीनगर इलाके के मानकी गांव में कब्रिस्तान के बीच बने पीर के पास मिला है. 


आपस में हुई बातचीत


जिसके बाद देर शाम प्रशासन की मौजूदगी में गांव में इस मसले को लेकर बातचीत की गई और वहां पर अलग रास्ता बनाने का फैसला किया गया है. पहले शिवलिंग तक पहुंचने वाले रास्ते को एक बाउंड्री वॉल के जरिए अलग किया गया था. लेकिन, अब हिंदू संगठनों की मांग है कि दोनों के रास्ते अलग-अलग किए जाने चाहिए और सभी की भावनाओं का ख्याल रखा जाना चाहिए.


हिंदू युवा वाहिनी के चीफ ने किया शुक्रिया अदा


हिंदू युवा वाहिनी के अध्यक्ष नीरज शर्मा ने मुस्लिम बहुल गांव के लोगों का शु्क्रिया अदा किया है. उनका कहना है कि यह काम काफी शांतिपूर्ण तरीके से हुआ, जिसकी वजह से वह गांव का धन्यवाद देते हैं. बता दें, काफी वक्त से देश के अलग-अलग हिस्सो से मंदिर मिलने के मामले सामने आ रहे हैं. वाराणसी, संभल और मुजफ्फरनगर में काफी पुराने मंदिर मिले हैं.