Supreme Court: `छठी से 12वीं क्लास तक की छात्रों को मुफ़्त दिया जाए सैनिटरी पैड`; सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दायर
Sanitary Pad Plea Supreme Court: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पूरे देश के सरकारी स्कूलों में छठी से 12वीं कक्षा में पढ़ रही लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी पैड कराने से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
Sanitary Pad Plea Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के सरकारी स्कूलों में छठी से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड मुहय्या कराने की हिदायात जारी करने की मांग वाली जनहित याचिका पर मरकज़ और रियासती सरकारों से जवाब मांगा है. चीफ़ न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने मध्य प्रदेश की एक डॉक्टर और सोशल एक्टिविस्ट जया ठाकुर की अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी रियासतें और मरकज़ी हुकूमत इस मामले में जवाब पेश करें.
'पीरियड्स को लेकर ग़रीब परिवारों में जागरूकता की कमी'
बता दें कि जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकार और सरकार की मदद से चलने वाले स्कूल में छात्राओं को सैनिटरी पैड देने के अलावा अलग टॉयलेट का इंतेज़ाम भी होना चाहिए. ये जनहित याचिका डॉक्टर और समाजी कारकुन जया ठाकुर ने दाख़िल की है. उन्होंने अपनी पिटीशन में इस बात का ज़िक्र किया है कि कम उम्र की लड़कियां हाइजीन मेनटेंन नहीं कर पाती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के ज़रिए उठाए जा रहे सभी क़दम इस मामले में मददगार साबित नहीं हो रहे हैं. अर्ज़ी में यह भी कहा गया है कि पीरियड्स को लेकर ग़रीब परिवार के लोगों में जागरूकता का भी कमी है, जिसे दूर करके की ज़रूरत है.
जनवरी में होगी सुनवाई
अर्ज़ी में कहा गया कि ग़रीब और माली तौर पर कमज़ोर वर्ग की बच्चियों को सैनिटरी पैड के लिए परेशानियों का सामना ना करना पड़े. अर्ज़ीगुज़ार जया ठाकुर ने वकील वीरेंद्र कुमार शर्मा और वरुण ठाकुर के ज़रिए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दायर की है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा पिटीशन में तलबा की सफ़ाई से संबंधित मुद्दे को उठाया गया है. सॉलिसिटर जनरल मामले में अदालत की सहायता करें. सुप्रीम कोर्ट ने मरकज़ के अलावा रियासतों व केंद्रशासित प्रदेशों को भी नोटिस जारी किया है. इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी.
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