Global Happiness Index: ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स ने हर साल की तरह इस साल बुधवार को हैप्पीनेस इंडेक्स की एक लिस्ट जारी की, जिसमें 143 देश शामिल हैं. इस लिस्ट में भारत  126वें स्थान पर है. जबकि फिनलैंड लगातार 7वीं बार दुनिया का सबसे खुशहाल देश बनकर उभरा है. इसके अलावा डेनमार्क आइसलैंड और इसराइल भी टॉप-10 शामिल हैं.   


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दरअसल, ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स रिपोर्ट 2024 में भी टॉप पर रहते हुए फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना है. यह लगातार सातवां साल है जब फिनलैंड ने लिस्ट में टॉप स्थान पर कब्जा किया है.
वहीं, टॉप-10 देशों में डेनमार्क, आइसलैंड, स्वीडन, इसराइल, नीदरलैंड, नॉर्वे, लक्ज़मबर्ग, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.


संयुक्त राष्ट्र के इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे के अवसर पर बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया कि लीबिया, इराक, फिलिस्तीन और नाइजर जैसे देशों के बाद भारत इस सूची में 126वें स्थान पर है.  वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट गैलप , ऑक्सफोर्ड वेलबीइंग रिसर्च सेंटर, यूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क और डब्ल्यूएचआर की साझेदारी से तैयार की गई है.


अफगानिस्तान सबसे नाखुश देश 
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में युवा "सबसे ज्यादा खुश" हैं जबकि "निचले मध्य" लेवल के लोग सबसे कम खुश हैं. साल 2012 में वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट पहली बार जारी हुआ था. इसके बाद पहली बार अमेरिका टॉप- 20 से बाहर हो गया है, जो 30 साल से कम उम्र के अमेरिकियों की खुशी में बड़ी गिरावट के कारण हुआ है. वहीं, तालिबान की  नेतृत्व वाली अफ़ग़ानिस्तान दुनिया के 'सबसे नाखुश' देश के रूप में रैंकिंग में सबसे नीचले पायदान पर बना बना हुआ है. जबकि इस लिस्ट में पाकिस्तान 108वें पायदान पर है.


भारत में माध्यमिक या हायर एजुकेशन प्राप्त बुजुर्ग और उच्च जातियों के लोग अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की तुलना में काफी खुश हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत की बुजुर्ग आबादी दुनिया भर में दूसरी सबसे बड़ी है, जिसमें 60 और उससे ज्यादा उम्र के 140 मिलियन भारतीय हैं, जो 250 मिलियन चीनी के बाद दूसरे स्थान पर है. इसके अलावा , 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के भारतीयों की औसत ग्रोथ रेट देश की पूरी जनसंख्या ग्रोथ रेट से तीन गुना ज्यादा है."


रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "हमने पाया कि बुजुर्ग पुरुष, जो ज्यादा उम्र में हैं, वर्तमान में शादीशुदा हैं और जो शिक्षित हैं, वे अपने संबंधित साथियों की तुलना में संतुष्ट हैं. लेकिन रहने की व्यवस्था के साथ कम संतुष्टि, कथित भेदभाव और खराब स्व-रेटेड हेल्थ वृद्ध भारतीयों के बीच खुश नहीं होने की सबसे बड़ी वजह है."


इस मामले में लिथुआनिया टॉप पर है मौजूद
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2013 में गैलप वर्ल्ड पोल द्वारा पहली बार सर्बिया (37वें) और बुल्गारिया (81वें) में औसत जीवन मूल्यांकन स्कोर में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है. वहीं, लाइफ मूल्यांकन में सबसे बड़ी वृद्धि दिखाने वाले अगले दो देश लातविया (46वें) और कांगो (ब्रेज़ाविल) (89वें) स्थान पर हैं.  पहली बार, रिपोर्ट में उम्र ग्रुप के आधार पर अलग-अलग रैंकिंग दी है. हालांकि, कई मामलों में ओवर ऑल रैंकिंग से व्यापक रूप से अलग होती है. 30 साल से कम उम्र के बच्चों और युवाओं की लिस्ट में लिथुआनिया टॉप पर है, जबकि 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए डेनमार्क दुनिया का सबसे खुशहाल देश है.