नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को घोषणा की है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों (Armed Forces) में सेवा देने के लिए एक भर्ती योजना को मंजूरी दे दी है.इस योजना को 'अग्निपथ’ (Agneepath) नाम दिया गया है. इस योजना के तह इस साल लगभग करीब 46,000 की भर्ती की जाएगी. सिंह ने कहा कि यह योजना एक परिवर्तनकारी पहल है और इसके तहत भारतीय युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा करने का मौका मिलेगा. सिंह ने कहा, “इस योजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और इसका उद्देश्य सशस्त्र बलों का युवा प्रोफाइल बनाना है.
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को सरकारी विभागों से अगले 1.5 वर्षों में  “मिशन मोड“ में 10 लाख लोगों की भर्ती करने के लिए कहने के बाद आया है. पीएम मोदी ने विभिन्न विभागों को सभी सरकारी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा के बाद संगठनों में भर्ती करने का निर्देश दिया.


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चार साल की होगी सेवा 
सिंह ने कहा, “’अग्निवर’ को चार साल की सेवा के बाद एक अच्छा वेतन पैकेज और एक निकास सेवानिवृत्ति पैकेज दिया जाएगा.“ चार साल के इस कार्यकाल के बाद, उन्हें नागरिक समाज में शामिल किया जाएगा जहां वे राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में अत्यधिक योगदान दे सकते हैं. चार साल बाद उन्हें सेना की अन्य सेवाओं में शामिल होने में प्राथमिकता दी जाएगी. 


वेतन और अन्य लाभ 
’अग्निवीर’ को पहले वर्ष 4.76 लाख रुपये का वेतन पैकेज दिया जाएगा जो चौथे और अंतिम वर्ष में 6.92 लाख रुपये तक होगा. ’सेवा निधि’ को आयकर से छूट दी जाएगी. ग्रेच्युटी और पेंशन संबंधी लाभों का कोई हकदार नहीं होगा. ’अग्निवीर’ को भारतीय सशस्त्र बलों  48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा. अंग भंग कि स्थिति में  15 से 44 लाख का मुआवजा दिया जाएगा. 

उम्र और शैक्षणिक योग्यता 
नामांकन ’ऑल इंडिया ऑल क्लास’ के आधार पर होगा और पात्र आयु 17.5 से 21 वर्ष के बीच होगी. ’अग्निवीर’ सशस्त्र बलों में नामांकन के लिए निर्धारित चिकित्सा पात्रता शर्तों को पूरा करेंगे जैसा कि संबंधित श्रेणियों/व्यापारों पर लागू होता है. सामान्य ड्यूटी (जीडी) सैनिक में प्रवेश के लिए विभिन्न श्रेणियों में नामांकन के लिए ’अग्निवीर’ की शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10 और 12 होगी. 

सेना में इससे क्या फायदा होगा 
यह परिकल्पना इसलिए की गई है कि इस योजना के कार्यान्वयन से भारतीय सशस्त्र बलों की औसत आयु प्रोफ़ाइल लगभग चार-पांच वर्ष कम हो जाएगी. अभी सेना में आयु सीमा 32 वर्ष है जो घटकर 24 से 26 साल हो जाएगी. इससे देशभक्ति की भावना, टीम वर्क, शारीरिक फिटनेस में वृद्धि, देश के प्रति निष्ठा और बाहरी खतरों, आंतरिक खतरों और प्राकृतिक आपदाओं के समय राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की उपलब्धता बढ़ेगी. '


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