नई दिल्लीः हवाई अड्डा, एयर इंडिया, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियांं के निजीकरण के साथ हबीबगंज रेलवे स्टेशन के तर्ज पर सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत आनंद विहार टर्मिनल समेत 16 अन्य रेलवे स्टेशनों पर पुनर्विकास के लिए अगले दो महीनों में बोलियां आमंत्रित करेगा. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. सूत्रों ने कहा कि पुनर्विकास किए जाने वाले अन्य स्टेशनों में तांबरम, विजयवाड़ा, दादर, कल्याण, ठाणे, अंधेरी, कोयंबटूर जंक्शन, पुणे, बेंगलुरु सिटी, वडोदरा, भोपाल, चेन्नई सेंट्रल, दिल्ली हजरत निजामुद्दीन और अवादी शामिल हैं.

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199 स्टेशनों पर लागू होगी ये स्कीम 
रेलवे की चालू वित्तीय वर्ष में ही इन स्टेशनों के लिए बोली लगाने की योजना है. यात्रियों के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाएं और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इन रेलवे स्टेशनों का उन्नयन किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न मुद्रीकरण मॉडलों की जांच की जा रही है. पहले चरण में 50 लाख रोजाना की तादाद वाले 199 स्टेशनों का पुनर्विकास करने की सरकार की योजना है. 

महंगी हो सकती है रेलवे की सेवाएं 
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि पुनर्विकसित स्टेशनों के डिजाइन में खुदरा बिक्री, कैफेटेरिया और मनोरंजक सुविधाओं का भी प्रावधान होगा. वैष्णव ने कहा था कि 47 स्टेशनों के लिए निविदा निकाली जा चुकी है, और 32 स्टेशनों पर काम चल रहा है. वहीं, नई दिल्ली स्टेशन के पुनर्विकास को साढ़े तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. मंत्री ने कहा, ’’ स्टेशनों के पुनर्विकास के तरीके में यह एक बड़ा बदलाव है. नई दिल्ली, अहमदाबाद और सीएसटी मुंबई स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए ’इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण’ (ईपीसी) मार्ग के बाद, रेलवे अब पीपीपी के रास्ते पर जाएगा. इससे प्लेटफॉर्म टिकट और रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली अन्य सुविधाओं की कीमतों में वृद्धि हो सकती है.


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