Banwarilal Purohit Resigns: पंजाब के गर्वनर बनवारीलाल पुरोहित ने आज यानी 3 फरवरी को इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने व्यक्तिगत व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे अपने आधिकारिक चिट्ठी में, बनवारीलाल पुरोहित ने पंजाब के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के राज्यपाल पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया. राष्ट्रपति मुर्मू को लिखे उनके चिट्ठी में कहा गया, "कृपया इसे स्वीकार करें और बाध्य करें."


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पुरोहित का इस्तीफा पंजाब में लंबित विधेयकों को मंजूरी देने में देरी को लेकर उनके और सीएम भगवंत मान के अगुआई वाली आम आदमी पार्टी सरकार के बीच गतिरोध के बीच आया है. 10 नवंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब विधानसभा के जरिए पारित पांच विधेयकों को मंजूरी देने में देरी को लेकर पुरोहित की खिंचाई की.


चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने 23 नवंबर, 2023 को एक बार फिर कहा कि राज्य का नाममात्र प्रमुख होने के नाते, एक गर्वनर "विधेयक को अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रख सकता." सुप्रीम कोर्ट ने आगे स्पष्ट किया कि किसी राज्य का गवर्नर विधायी विधेयकों के अधिनियमन को रोकने के लिए अपनी संवैधानिक शक्तियों का उपयोग नहीं कर सकता है.


आम आमदी पार्टी ने लगाया था ये इल्जाम
इस बीच बनवारीलाल पुरोहित ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. उनकी मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है, जब कुछ दिन पहले बीजेपी ने चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन में शानदार जीत दर्ज की थी और तीनों पद बरकरार रखे थे और इससे कांग्रेस-आम आदमी पार्टी गठबंधन को झटका लगा था, जिसने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों में हेराफेरी का इल्जाम लगाया था. 


सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लगाई थी फटकार
मनोज मिश्रा ने राज्यपाल के खिलाफ पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई की. पीठ ने कहा, ''आप आग से खेल रहे हैं.'' पीठ ने कहा कि वे राज्य सरकार और पुरोहित के बीच गतिरोध से नाखुश हैं. शुक्रवार को, आम आदमी पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर कटाक्ष किया और दावा किया कि उन्होंने मेयर चुनाव में "वोट चुराए" हैं.