नई दिल्लीः सरकार ने बुधवार को चालू फसल वर्ष 2021-22 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 40 रुपये बढ़ाकर 2,015 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो फसल वर्ष 2020-21 में 1,975 रुपये प्रति क्विंटल था. गेहूं की उत्पादन लागत 1,008 रुपये प्रति क्विंटल होने का अनुमान लगाया गया है. इसके अलावा सरसों का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 5,050 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. सरकार की इस पहल का मकसद इन फसलों की खेती के रकबे के साथ-साथ किसानों की आमदनी को बढ़ाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदारत में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया. एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) वह दर है जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है.



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23 फसलों के लिए सरकार एमएसपी तय करती है
मौजूदा समय में सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है. खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के तुरंत बाद अक्टूबर से रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है. गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं. एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, सीसीईए ने फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) और 2022-23 विपणन सत्रों के लिए छह रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है. 

दलहन फसलों की भी बढ़ाई गई एमएसपी 
अधिकारी के अनुसार, सरकार ने रबी विपणन सत्र 2021-22 के दौरान 4.3 करोड़ टन से ज्यादा की रिकॉर्ड गेहूं की खरीद की है. जौ का समर्थन मूल्य 2021-22 के फसल वर्ष के लिए 35 रुपये बढ़ाकर 1,635 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष 1,600 रुपये प्रति क्विंटल था. दलहनों में, चने का एमएसपी पहले के 5,100 रुपये से 130 रुपये बढ़ाकर 5,230 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि मसूर (मसूर) के लिए एमएसपी पहले के 5,100 रुपये से 400 रुपये बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.


तिलहन पर बढ़ी 400 की एमएसपी 
तिलहन के मामले में सरकार ने फसल वर्ष 2021-22 के लिए सरसों के एमएसपी को 400 रुपये बढ़ाकर 5,050 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो पिछले वर्ष में 4,650 रुपये प्रति क्विंटल था. सूरजमुखी का एमएसपी पहले के 5,327 रुपये प्रति क्विंटल से 114 रुपये बढ़ाकर 5,441 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. सरकार ने रबी विपणन सत्र 2022-23 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके.’’


बजट 2018-19 की घोषणाओं के अनुरूप है एमएसपी 
सरकार ने कहा कि विपणन सत्र 2022-23 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि, केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणाओं के अनुरूप है, जिसमें उत्पादन की औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की घोषणा की गई थी. इसका उद्देश्य किसानों के लिए उचित लाभ सुनश्चित करना है. बयान में कहा गया है, ‘‘किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित लाभ गेहूं और सरसों (प्रत्येक में 100 प्रतिशत) के मामले में सबसे अधिक होने का अनुमान है.


सरकार पहले ही कर चुकी है पाम तेल नीति की घोषणा 
इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा हाल में घोषित खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन-तेल पाम (एनएमईओ-ओपी) - जैसी एक केंद्रीय योजना से खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी. कुल 11,040 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एनएमईओ-ओपी योजना न केवल खेती के रकबे के विस्तार और उत्पादकता को बढ़ाने में सहायता करेगी, बल्कि किसानों को उनकी आय और अतिरिक्त रोजगार के सृजन से भी लाभान्वित करेगी.


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