Hajj: इस साल अलीगढ़ ज़िले से सबसे पहले 7 महिलाएं बिना मेहरम हज के लिए रवाना होंगी. हज पर जाने वाली महिलाओं ने भारत की हज कमेटी की नई नीति का स्वागत किया है, जिसमें 45 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को बिना मेहरम हज यात्रा करने की अनुमति दी गई है. पहली बार हज पर जा रही महिलाओं का कहना है कि ''सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. यह निश्चित रूप से उन महिलाओं के लिए एक अच्छी ख़बर है, जो  हज पर जाना चाहती हैं, लेकिन किसी कारण नहीं जा सकीं.


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महिलाओं ने ज़ाहिर की ख़ुशी 
मेहरम के साथ महिलाएं हज पर जाती थीं (जिनसे महिला का पर्दा नहीं होता) लेकिन अब 45 साल से अधिक उम्र के महिलाओं को हज कमेटी ऑफ इंडिया की नई नीति के तहत हज पर जाने की मंज़ूरी मिल गई है. मेहरम के बिना हज पर जाने के लिए, इस साल अलीगढ़ से बिना मेहरम हज पर जाने वाली महिलाओं ने इसका स्वागत किया है. बिना मेहरम के हज के लिए जाने वाली महिलाओं ने ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए सरकार का शुक्रिया अदा किया और कहा कि बिना मेहरम के हज पर जाने का फैसला तलाक़शुदा महिलाओं के हक़ में है.


महिलाओं को नहीं होगी परेशानी
एक महिला ने इस हवाले से बताया कि "मेरे पति की 2005 में मृत्यु हो गई थी, मैं अपने बच्चों के साथ अकेली रहती हूं और ख़ुशी की बात यह है कि अब महिलाएं बिना मेहरम आसानी से हज यात्रा पर जा सकती हैं. अलीगढ़ ज़िले के हज ट्रेनर मोहम्मद शाकिर ने बताया कि मेहरम के बिना अलीगढ़ से हज की शुभ यात्रा पर जाने की मंज़ूरी मिलने के बाद अलीगढ़ जिले की महिलाओं का एक जत्था तैयार किया गया है और इसमें छह महिलाएं हज पर जाने की इच्छुक हैं और हमें उम्मीद है कि हज के दौरान इन महिलाओं को कोई परेशानी नहीं होगी.


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