Gujarat Court: गुजरात की एक अदालत ने गोहत्या को लेकर एक फैसला सुनाते कहा है कि अगर दुनिया में गोहत्या बंद कर दी जाए तो सारी समस्याएं हल हो जाएंगी. गुजरात की अदालत 16 से अधिक गायों के अवैध परिवहन से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही थी, इस मामले में पिछले साल अगस्त में उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई और गाय को ले जाने के आरोप में पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.


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तापी के व्यारा की एक सत्र अदालत ने महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव निवासी 22 वर्षीय मोहम्मद अमीन को गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2017, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960, गुजरात नियंत्रण अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया है. पशु परिवहन आदेश, 1975 और गुजरात आवश्यक वस्तु और पशु नियंत्रण अधिनियम, 2015 के साथ-साथ केंद्रीय मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2015 के तहत मुजरिम करार दिया है. 


गुजरात पशु संरक्षण अधिनियम, 1954 की धारा 5, 6 और 7 का उल्लंघन करने के लिए अलग-अलग छोटी-छोटी सजाओं और जुर्माने के साथ-साथ मुजरिम को "जीवन भर की कठोर सजा और 5 लाख रुपये का जुर्माना" की सजा सुनाई गई है. जुर्माना भरने में नाकाम रहने पर मुजरिम को और पांच साल की कड़ी सजा भुगतनी होगी.


गुजरात के तापी में जिला न्यायालय के प्रधान जिला न्यायाधीश समीर विनोद चंद्र व्यास ने एक अदालत के फैसले में कहा कि अगर गोहत्या बंद कर दी जाए तो इस दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा. इतना ही नहीं अपने फैसले में लिखा है कि गाय के गोबर से बने घर परमाणु हमले के दौरान उठने वाली रेडियंस से भी महफूज़ रहता है. इसके अलावा गाय गौमूत्र भी कई खतरनाक बीमारियों का इलाज है. 


जज ने अपने फैसले में दावा किया कि विज्ञान ने यह साबित कर दिया है कि गाय के गोबर से बना घर परमाणु हमले की रेडिएशन से महफूज़ रखता है और उन्होंने दावा किया कि धर्म हकीकत में गाय से ही आया है. जज ने आगे लिखा कि गाय सिर्फ एक जानवर ही नहीं बल्कि माता भी है, गाय 68 करोड़ पवित्र स्थानों और 33 करोड़ देवी-देवताओं का जीवित ग्रह है. पूरे ब्रह्मांड में गाय की पूजा और पवित्रता को कोई नकार नहीं सकता है.


कोर्ट ने हिंदुओं के विभिन्न पवित्र ग्रंथों का हवाला देते हुए कहा कि अगर गाय को दुखी रखा जाए तो हमारा धन-संपदा खत्म हो जाता है. जज ने गोहत्या को जलवायु परिवर्तन से भी जोड़ा और कहा कि आज जो दिक्कतें हैं, वे गुस्से और गर्म मिजाज के बढ़ने की वजह से हैं. जो एकमात्र कारण गोहत्या की वजह से है. जब तक इस पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं लगाई जाती, जलवायु परिवर्तन भी ठीक नहीं होगा. 


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