Gujarat Election 2022 1st Phase: गुजरात असेंबली इलेक्शन के पहले चरण के लिए वोटिंग हो रही है. पहले चरण में राज्य की 182 सीटों में से 89 पर वोट डाले जा रहे हैं. बाक़ी सीटों पर दूसरे मरहले में पांच दिसंबर को वोटिंग होगी. गुजरात में भारत के मिनी अफ्रीक़ी गांव जंबूर में वोटर्स आज पहली बार अपने विशेष आदिवासी बूथ में मतदान कर रहे हैं.जम्बूर गांव के सीनियर सिटीज़न रहमान ने कहा कि यह बहुत ख़ुशी की बात है. उन्होंने बताया कि "यह हमारे लिए बहुत ख़ुशी की बात है कि इलेक्शन कमीशन ने हमारे लिए मतदान करने के लिए एक स्पेशल बूथ बनाने का फैसला किया है. हम बरसों से इस गांव में रह रहे हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है, जिससे हमें बहुत ख़ुशी महसूस हो रही है".


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'अफ़्रीक़ा से होने के बावजूद भारत की रिवायात पर अमल'
सिद्धि आदिवासी तबक़े के रहमान ने कहा, हमारे पूर्वजों का ताल्लुक़ अफ़्रीक़ा से हैं और हम कई साल पहले भारत आए थे. जब जूनागढ़ में क़िला बन रहा था, तब हमारे पूर्वज यहां काम करने आए थे, पहले हम रतनपुर गांव में बसे और फिर धीरे-धीरे जंबूर गांव में आ गए और हमें यहां नागिरक होने का दर्जा मिल गया है'. रहमान ने कहा कि हमारे पूर्वज अफ़्रीक़ा से होने के बावजूद हम भारत और गुजरात की रिवायात पर अमल करते हैं. 


सहूलियात की कमी:अब्दुल 
तलाला से आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर इलेक्शन लड़ने वाले अब्दुल मगुज भाई ने कहा कि इलाक़े में स्थानीय समुदाय पीड़ित है. गांव दो नदियों के बीच में आबाद है. यहां सब एक साथ रहते हैं. मैं यहां से तीसरी बार चुनाव लड़ रहा हूं. हम चाहते हैं कि हम भी असेंबली जाएं. हमें हुक़ूक़ मिले ताकि हम और अच्छा काम कर सकें".अब्दुल मगुज भाई ने बताया कि हमें भारत का मिनी अफ़्रीक़ा कहा जाता है. हमें सिद्धि क़बाईली तबक़े के तौर पर  जाना जाता है. सरकार आदिवासियों की मदद करती रहती है, इसमें कोई दिक़्क़त नहीं है, लेकिन हमारे स्थानीय समुदाय को यहां काफी परेशानी को झेलना पड़ता है, हमें उतनी सहूलियात नहीं मिलती हैं, जितनी कि मिलनी चाहिए. 


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