Gujrat Election: गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने ताकत झोंकी हुई है. इस बार दो पार्टियां नहीं बल्कि तीन पार्टियों ने अपने सारे घोड़े खोले हुए हैं. खैर गुजरात की जनता किस पार्टी को प्यार देती है ये तो 8 दिसंबर को ही पता लग पाएगा लेकिन उससे पहले हम आपको पिछले विधानसभा चुनाव का एक दिलचस्प आंकड़ा बताने जा रहे हैं. वो ये कि गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव में कम से कम 16 ऐसी सीट रही थी, जिनपर जीत-हार का अंतर 3,000 वोट से कम रहा था. इन 16 सीटों में से 7 सीटों पर जीत-हार का फर्क महज़ एक हजार वोट से कम रहा था. इन 16 सीट में से 10 पर भाजपा, जबकि छह पर कांग्रेस को जीत मिली थी.


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कपराड़ा विधानसभा सीट:
साल 2017 के चुनाव में, जीत-हार का सबसे कम फर्क वलसाड जिले की (अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित) कपराड़ा सीट पर रहा था, जहां कांग्रेस के उम्मीदवार जीतूभाई चौधरी ने भाजपा के उम्मीदवार मधुभाई राउत को 170 वोटों के फर्क से हराया था. राउत को 92,830 वोट मिले थे, वहीं, चौधरी ने 93 हजार वोट हासिल किए थे. हालांकि चौधरी ने 2020 में पाला बदल लिया था, जिसके बाद हुए उपचुनाव में वह भाजपा के टिकट पर लड़े. अगले महीने होने वाले चुनाव में भी भाजपा ने उन्हें इस सीट से उम्मीदवार बनाया है. कुछ मामलों में, यह देखा गया कि बहुजन समाज पार्टी जैसे पार्टियों और आज़ाद उम्मीदवारों को बड़ी तादाद में मिले वोट मिलने से कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया. 


गोधरा विधानसभा सीट:
ऐसी ही एक सीट पंचमहल जिले की मुस्लिम बहुल गोधरा थी. इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार सी.के. राउलजी ने कांग्रेस के प्रवीण सिंह चौहान को 258 वोटों के मामूली फर्क से हराया था. पूर्व कांग्रेसी राउलजी को एक बार फिर गोधरा सीट से टिकट दिया गया है. इस सीट पर नोटा और बसपा को लगभग 4 हजार वोट मिले थे. इसके अलावा दो आज़ाद उम्मीदवारों को 20,000 से ज्यादा वोट हासिल हुए थे. 


ढोलका सीट विधानसभा सीट
भाजपा के दिग्गज नेता भूपेंद्रसिंह चुड़ास्मा 2017 में ढोलका सीट से महज 327 वोटों के फर्क से जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे. कई लोगों का मानना है इस सीट पर बसपा, NCB और दो आज़ाद उम्मीदवारों को मिले लगभग 11,000 वोट ने भाजपा की जीत में अहम किरदार अदा किया था. 


मानसा विधानसभा सीट
गांधीनगर की मानसा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश पटेल ने भाजपा के युवा नेता अमित चौधरी को 524 वोटों से हराया था. चौधरी ने 2012 में कांग्रेस के टिकट पर उसी सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन 2017 के चुनाव से पहले वह पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए थे. 


डांग विधानसभा सीट
अनुसूचित जनजाति के लिये रिज़र्व डांग एक अन्य सीट थी, जहां से भाजपा के उम्मीदवार विजय पटेल को महज़ 768 वोटों से कांग्रेस के मंगल गावित से हार का सामना करना पड़ा था. 


बोटाद विधानसभा सीट
पूर्व ऊर्जा मंत्री और बोटाद सीट से भाजपा के विधायक सौरभ पटेल 2017 के चुनाव में 906 वोटों के मामूली फर्क से जीत हासिल की थी. उन्हें 79,623 वोट, जबकि उनके नज़दीकी विपक्ष में खड़े डी.एम. पटेल को 78,717 वोट मिले थे. सौरभ पटेल को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया है.


इसी तरह कई और सीट रहीं, जहां जीत-हार का अंतर काफी कम रहा. गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीट के लिए दो चरणों में वोटिंग होगी. पहले चरण में एक दिसंबर, जबकि दूसरे चरण में पांच दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं वोटों की गिनती आठ दिसंबर को होगी.