अहमदाबादः गुजरात में अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता शीतलबाड़ के अलावा राज्य के पूर्व डीजीपी आर बी श्रीकुमार को फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तार किया है. इस मामले के दूसरे मुल्जिम गुजरात के पूर्व डीआईजी संजीव भट्ट पहले से ही पालनपुर जेल में बंद हैं और उन्हें ट्रांसफर वारंट के जरिये लाया जाएगा. अपराध शाखा ने तीस्ता को मुम्बई से और पूर्व डीजीपी श्रीकुमार को गांधीनगर से गिरफ्तार किया है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या इल्जाम है इन लोगों पर ? 
अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक डी बी बराड़ ने इन तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज के इस्तेमाल और गलत सबूत देने का मामला दर्ज किया था. संजीव भट्ट पर इल्जाम है कि उन्होंने नानावती आयोग के सामने जो दस्तावेज पेश किए थे, वे फर्जी और गलत थे. ये दस्तावेज बाद में एसआईटी के सामने भी पेश किए गए थे. इल्जाम है कि इन दस्तावेजों के जरिए संजीव भट्ट कानून की संगीन धाराओं के तहत कई लोगों को फर्जी मुकदमों में फंसाना चाहते थे.

फर्जी मुहरों और दस्तावेजों के इस्तेमाल का इल्जाम 
आर बी श्रीकुमार पर इल्जाम है कि जाकिया जाफरी की शिकायत में जो इल्जाम लगाए गए हैं, उनमें से ज्यादातर पूर्व डीजीपी द्वारा नानावती आयोग के सामने दायर नौ हलफनामों से लिए गए थे. श्रीकुमार ने अपने शुरूआती दो हलफनामों में राज्य सरकार पर कोई आरोप नहीं लगाए थे. पूर्व डीजीपी श्रीकुमार ने तीसरे हलफनामे से राज्य सरकार पर इल्जाम लगाने शुरू किए थे. श्रीकुमार ने फर्जी दस्तावेज बनाए और कार्यालय के मुहरों का इस्तेमाल किया जबकि उन्हें जारी करने वाले अफसरों को उसकी जानकारी भी नहीं थी.

तीस्ता के आरोपों से मिल सकती थी मृत्युदंड की सजा 
वहीं, तीस्ता और दीगर पर इल्जाम है कि उन्होंने कई लोगों के खिलाफ झूठे दस्तावेज पेश करके कानून की प्रक्रिया का बेजा इस्तेमाल किया. उन्होंने ऐसे इल्जाम लगाए कि दोष साबित होने पर उक्त लोगों को मृत्युदंड की सजा मिल सकती थी.


Zee Salaam