नई दिल्लीः गुजरात में नरोदा गाम दंगा मामले में 67 आरोपियों को रिहा किए जाने के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड में उम्रकैद की सजा पाए आठ लोगों को जमानत दे दी है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने चार मुजरिमों को जमानत देने से इनकार कर दिया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा घटना में उनकी भूमिका को उजागर करते हुए उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध किया गया था.
गौरतलब है कि साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी को आग के हवाले किए जाने के बाद पूरा गुजरात सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में आकर जल गया था. चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की बेंच ने आरोपियों को राहत देते हुए इस बात पर ध्यान दिया है कि वे कितना समय जेल में बिता चुके हैं और उनकी अपीलों के जल्द ही निपटारे के लिए जाने की संभावना नहीं है. बेंच ने कहा, “हम निर्देश देते हैं कि मुजरिमों को सत्र न्यायालय द्वारा लगाए गए नियमों और शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा किया जाए.”

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इनको मिली जमानत 
जिन कसूरवारों को जमानत मिली है, उनमें अब्दुल सत्तार इब्राहिम गद्दी असला, यूनुस अब्दुल हक्क समोल, मोहम्मद हनीफ अब्दुल्ला मौलवी बादाम, अब्दुल रऊफ अब्दुल मजीद ईसा, इब्राहिम अब्दुलरजाक अब्दुल सत्तार समोल, अयूब अब्दुल गनी इस्माइल पटलिया, सोहेब यूसुफ अहमद कलंदर और सुलेमान और अहमद हुसैन शामिल हैं. जिन चार दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत नहीं दी है, उनमें अनवर मोहम्मद मेहदा, शौकत अब्दुल्ला मौलवी इस्माइल बादाम, महबूब याकूब मीठा और सिद्दीक मोहम्मद मोरा को जमानत देने से इनकार कर दिया है. 

इस वजह से चार को नहीं मिली जमानत 
जिन याचिकाकर्ताओं की जमानत याचिका खारिज हुई थी उनकी तरफ से पेश हुए सीनियर वकील संजय हेगड़े ने बेंच से उनकी अर्जियों पर सुनवाई स्थगित करने की अपील करते हुए कहा कि कल त्योहार है. गुजरात सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले मेहता ने पहले कहा था कि यह सिर्फ पथराव का मामला नहीं है, क्योंकि दोषियों ने साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी में आग लगाई थी, जिससे 59 मुसाफिरों की मौत हो गई थी. सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं.

59 लोगों की हुई थी मौत 
उल्लेखनीय है कि गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में 27 फरवरी 2002 को एस-6 बोगी में आग लगाए जाने से 59 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में दंगे भड़क गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2017 के अपने फैसले में गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में 11 दोषियों को सुनाई गई गई मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था. उसने 20 अन्य को दी गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था. 


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