गुरुग्रामः निःसंतान होने का दुःख कितना बड़ा होता है, ये सिर्फ निःसंतान लोग ही समझते हैं. गुरुग्राम में एक दंपति का कोई संतान नहीं है, इसलिए उन्होंने एक कुत्ते के बच्चे को गोद लिया था और तीन साल बाद वह उसकी शादी करा रहे हैं. यह मामला गुरुग्राम के पालम विहार एक्सटेंशन का है, जहां इतवार की शाम एक अजीबो-गरीब शादी समारोह का आयोजन किया गया. यहां दो कुत्तों (शेरू वेड्स स्वीटी) की शादी का आयोजन किया है. शेरू और स्वीटी के मालिकों ने इस विवाह समारोह के लिए इंसानों की शादियों की तरह व्यवस्थाएं की हैं. 

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मेहंदी की रस्म से लेकर सात फेरों तक का हुआ इंतजाम 
शेरू (नर कुत्ता) और स्वीटी (मादा कुत्ता) ने रात करीब 8.30 बजे फेरे लिए. इससे पहले शनिवार को मेहंदी की रस्म भी अदा की गई थी. इनके मालिकों के मुताबिक, शादी के लिए पालम विहार एक्सटेंशन के जिले सिंह कॉलोनी में 100 लोगों को दावतनामा भी भेजा गया था. वह लोग बाराती के तौर पर शादी समारोह में शामिल हुए. स्वीटी की परवरिश करने वाली महिला रानी ने कहा, “मेरे पास कोई बच्चे नहीं थे, इसलिए मेरे पति 3 साल पहले एक स्थानीय मंदिर से स्वीटी को घर ले आए थे. तब से मैंने स्वीटी को बच्चे की तरह पाला है.“ उन्होंने कहा, इस शादी के साथ हमारे पास हिंदू रीति-रिवाजों की तरह ’कन्यादान’ करने का मौका था. 

दोनों परिवारों में नहीं है बच्चे 
इस बीच शेरू को पालने वाले परिवार ने बताया कि वह 8 साल का है. बचपन से ही अपने बच्चों के साथ खेलता हुआ बड़ा हुआ है. वह उसे सड़क से उठाकर घर लाए थे. इस तरह दो  दंपतियों ने अपने कुत्ते का आपस में शादी कराकर समधी-समधन बन गए हैं. ये कोई मजाक का हंसी का मौजूं नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर दुःख और पीड़ा का विषय है. इंसान बच्चे न होने पर कुत्तों की शादी करा रहा है. 

कुत्तों के हमलों के बाद भी कम नहीं हुआ इंसानों का प्यार 
गौरतलब है कि इस खबर का दूसरा पहलु ये है कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों से बच्चों, बूढ़ों, महिलाओं और गार्डों पर कुत्तों के हमले की खबरें आई है. इसके बाद सरकार ने कुत्ते पालने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके पालने के नियमों को कठोर बना दिया है, लेकिन इसके बावजूद इंसानों और कुत्तों के बीच का प्यार कम नहीं हुआ है. 


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