Gyanvapi Survey Report: ज्ञानवापी मस्जिद की एएसआई सर्वे रिपोर्ट दोनों पक्षों को मिल गई. एसआई सर्वे रिपोर्ट की कॉपी मुस्लिम पक्ष के वकील अखलाक अहमद और हिंदू पक्ष से वकील विष्णु शंकर जैन को मिली है. एएसआई ने 92 दिनों तक सर्वे किया था. रिपोर्ट की कॉपी 839 पन्नों की है.


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हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा करते हुए कहा कि सर्वे रिपोर्ट में स्वस्तिक के निशान, कमल फूल के निशान समेत हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां भारी तादाद में मिली हैं. इसके साथ ही मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष भी मिले हैं. लेकिन मुस्लिम पक्ष की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.


बता दें कि पिछले साल 21 जुलाई को जिला अदालत के आदेश के बाद एएसआई ने यह निर्धारित करने के लिए ज्ञानवापी अहाते का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया कि क्या मस्जिद का कंसट्रक्शन हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है या नहीं.


वहीं, बुधवार को जस्टिस एके विश्वेश ने फैसला सुनाया कि ज्ञानवापी मस्जिद अहाते पर एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को दी जाएगी. ताकि वे इसके खिलाफ आपत्तियां दाखिल कर सकें. साथ ही कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट, वाराणसी डीएम और राज्य के गृह सचिव को एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट की एक कॉपी देने की भी इजाजत दी थी.


बता दें कि हिंदू याचिकाकर्ताओं के यह दावा किया थीा कि 17वीं सदी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया था, जिसके बाद अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया. इसके बाद एएसआई ने 18 दिसंबर को सीलबंद लिफाफे में अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट जिला अदालत को सौंपी थी.


विष्णु जैन का दावा


विष्णु जैन ने आगे दावा करते हुए कहा कि ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 1669 ई. में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाया गया है. मौजूदा ढांचे मंदिर के ही अवशेष पर बना है. जबकि मस्जिद की गुंबद साढ़े तीन सौ साल ही पुराना है. अहाते के अंदर कई जगहों पर मंदिर के अवशेष समेत पीलरों पर देवी देवताओं की मूर्तियां मिले हैं. साथ  ही देवनागरी और संस्कृत भाषा में कई श्लोक लिखे हुए हैं. नागर शैली के कई ऐसे निशान मोजूद हैं जो बताते हैं कि ये एक हजार साल पुराने हैं.  विष्णु जैन ने आगे कहा कि अब उनकी कोशिश होगी कि वुजूखाने का भी सर्वे कराया जाए.