Gyanvapi Survey: `वज़ूखाने` को ASI सर्वे में शामिल करने वाली याचिका को कोर्ट ने रखा सुरक्षित, इस दिन होगा फैसला
Gyanvapi Survey: वाराणसी की एक कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के `वज़ूखाने` को एएसआई के सर्वेक्षण में शामिल करने की याचिका पर अपना ऑर्डर 19 तारीख को 21 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रख लिया.
Gyanvapi Survey: वाराणसी की एक कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के 'वज़ूखाने' को एएसआई (Archeological Survey Of India ) के सर्वेक्षण में शामिल करने की याचिका पर अपना ऑर्डर 19 तारीख को 21 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रख लिया. यह अर्जी राखी सिंह ने दायर की थी.
डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट एडवोकेट राजेश मिश्रा ने कहा, "जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश की अदालत में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें ज्ञानवापी परिसर में सील किए गए वज़ूखाने के सर्वेक्षण की मांग की गई थी. याचिका पर आज सुनवाई पूरी करते हुए अदालत ने अपना आदेश 21 अक्टूबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया है".
हिंदू पक्ष के वकील ने क्या कहा?
यह अर्जी वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की पीटिशनर में से एक राखी सिंह ने दायर की थी. हिंदू पक्ष की तरफ से वकील मदन मोहन यादव ने कहा,"इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा गया कि फिलहाल वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी कैंपस का सर्वेक्षण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वजूखाने के सर्वे के बगैर ज्ञानवापी कैंपस का सच सामने नहीं आ सकता. इसलिए वज़ूख़ाने का भी सर्वेक्षण कराना ज़रूरी है".
मुस्लिम पक्ष ने लगाया ये इल्जाम
वहीं मस्जिद पक्ष ने इस पर अपनी ऐतराज करते हुए अदालत के सामने कहा कि वज़ूखाने का इलाका सुप्रीम कोर्ट के हुक्म पर सील किया गया है. उसने इल्जाम लगाया कि हिंदू पक्ष ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए ऐसी मांग की है.
ASI यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में ज्ञानवापी मस्जिद कैंपस का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि 17वीं शताब्दी की मस्जिद का तामिर हिंदू मंदिर के पहले से मौजूद स्ट्रक्चर पर किया गया था या नहीं. ASI का सर्वेक्षण तब शुरू हुआ था जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था. हाई कोर्ट ने ये फैसला सुनाया था कि यह कदम "न्याय के हित में आवश्यक" है और इससे हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को फायदा होगा.
पहले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने ऐतराज करते हुए इल्जाम लगाया था कि ASI ज्ञानवापी कैंपस के तहखाने के साथ-साथ दूसरे जगहों पर बिना इजाजत के खुदाई कर रहा है. वहीं ढांचे की पश्चिमी दीवार पर मलबा जमा कर रहा है, जिससे स्ट्रक्चर के ढहने का खतरा है.
वहीं इस मामल पर मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि ASI टीम मलबा या कचरा हटाकर कैंपस का सर्वेक्षण करने के लिए ऑथराइज्ड नहीं है. मस्जिद पक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के हुक्म के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी गया था. जिसके बाद एससी ने 4 अगस्त को ASI सर्वेक्षण पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के हुक्म पर रोक लगाने से मना कर दिया था.
आपको बता दें कि ASI को ज्ञानवापी कैंपस के चल रहे सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए छह नवंबर तक का वक्त दिया है.