नई दिल्ली: आज 31 दिसंबर यानी साल 2020 का आखिरी दिन है. नया साल हमारी चौखट के बेहद करीब है. लोग इस मौके पर अपने दोस्त, परिवार और जानने वालों के बधाइयां देते हैं, शेर-ओ-शायरी के जरिए मुबारकबाद पेश करते हैं. तो आइए हम आपको कुछ शेर पढ़वाते हैं जो शायदा आपको किसी दूसरे को भेजने के काम आ सकते हैं. 


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कुछ लोगों यह भी सोच रहे होंगे कि साल 2020 में काफी मायूसी हाथ लगी है. ऐसे में वो यह सोच रहे होंगे कि हम आने वाले नए साल और गुज़र चुके साल 2020 को कैसे एक साथ रख कर लोगों को नए साल की मुबारकबाद पेश करें. तो ज्यादा सोचिए मत हम आपकी इस परेशानी का हल निकाल चुके हैं. बस आप पढ़िए नीचे दिए गए शेर.


फिर नए साल की सरहद पे खड़े हैं हम लोग
राख हो जाएगा ये साल भी हैरत कैसी



न कोई रंज का लम्हा किसी के पास आए
ख़ुदा करे कि नया साल सब को रास आए



इस गए साल बड़े ज़ुल्म हुए हैं मुझ पर
ऐ नए साल मसीहा की तरह मिल मुझ से



नए साल में पिछली नफ़रत भुला दें
चलो अपनी दुनिया को जन्नत बना दें



कौन जाने कि नए साल में तू किस को पढ़े
तेरा मे'यार बदलता है निसाबों की तरह



इक साल गया इक साल नया है आने को
पर वक़्त का अब भी होश नहीं दीवाने को



ये साल भी उदासियाँ दे कर चला गया
तुम से मिले बग़ैर दिसम्बर चला गया



साल-ए-नौ आता है तो महफ़ूज़ कर लेता हूँ मैं
कुछ पुराने से कैलन्डर ज़ेहन की दीवार पर



अब के बार मिल के यूँ साल-ए-नौ मनाएँगे
रंजिशें भुला कर हम नफ़रतें मिटाएँगे



पिछ्ला बरस तो ख़ून रुला कर गुज़र गया
क्या गुल खिलाएगा ये नया साल दोस्तो



कुछ ख़ुशियाँ कुछ आँसू दे कर टाल गया
जीवन का इक और सुनहरा साल गया



इक अजनबी के हाथ में दे कर हमारा हाथ
लो साथ छोड़ने लगा आख़िर ये साल भी



पलट सी गई है ज़माने की काया
नया साल आया नया साल आया



हम लकीरें कुरेद कर देखें
रंग लाएगा क्या ये साल नया



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