Harak Singh Rawat ED Raid: उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के घर छापेमारी चल रही है. सूत्रों ने सोमवार को बताया कि उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत से जुड़े कथित वन घोटाला मामले में ईडी के जरिए दिल्ली, चंडीगढ़ और उत्तराखंड में कई जगहों पर छापेमारी चल रही है.


क्या है पूरा मामला?


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बीजेपी सरकार में राज्य के वन मंत्री के तौर पर रावत के कार्यकाल के दौरान, रावत और उनके कुछ डिपार्टमेंट के अधिकारियों पर टाइगर सफारी परियोजना के तहत कॉर्बेट पार्क के पाखरो रेंज में अवैध पेड़ काटने और निर्माण में शामिल होने से संबंधित गंभीर आरोप लगे थे.


भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि पखरू बाघ सफारी के लिए 163 पेट काटने की इजाजत दी गई थी, लेकिन इसके खिलाफ 6,000 से ज्यादा पेड़ अवैध तौर पर काटे गए थे. हालांकि, राज्य वन विभाग ने एफएसआई के दावों का खंडन किया और कहा कि रिपोर्ट को आखिर तौर से स्वीकार करने से पहले कुछ तकनीकी मुद्दों को हल करने की जरूरत है.


पहले भी मारे जा चुके हैं छापे


हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि रावत से जुड़ी जायदाद ईडी अधिकारियों के जरिए जांच के दायरे में आई हैं, इससे पहले, उत्तराखंड सतर्कता टीम ने देहरादून के शंकरपुर में एक संस्थान और छिद्दरवाला में एक पेट्रोल पंप पर छापे मारे थे. राज्य सतर्कता प्रमुख वी मुरुगेसन ने 30 अगस्त को कहा कि टीम ने दोनों जगहों पर दस्तावेजों की जांच की, तो पता चला कि दोनों संपत्तियां कांग्रेस नेता और पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की हैं.


एएनआई से बात करते हुए, मुरुगेसन ने कहा कि सतर्कता टीम ने पाया कि दोनों निजी स्थानों पर लगाए गए दो जनरेटर सेट सरकारी पैसे से खरीदे गए थे. मुरुगेशन ने पुष्टि की कि शंकरपुर में दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और पेट्रोल पंप, जिस पर टीम ने बुधवार को छापा मारा, दोनों रावत के बेटे के हैं. बता दें, हरक सिंह रावत की संपत्तियों के खिलाफ नया सतर्कता अभियान का आदेश उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया है.