Mumbai News: टीम इंडिया के क्रिकेटर बंधु- हार्दिक और कुणाल पंड्या के सौतेले भाई वैभव को पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में अरेस्ट कर लिया है. वहीं, अपनी गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार को वैभव ने मुंबई की एक कोर्ट में कहा कि यह पूरा मामला पारिवारिक है और सिर्फ एक गलतफहमी का रिजल्ट है. 37 साल के वैभव पंड्या ने कस्टडी को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान अपने वकील के जरिए से यह दलील दी.


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वहीं, कोर्ट ने उनकी पुलिस हिरासत 16 अप्रैल तक बढ़ा दी है. बता दें कि मुंबई पुलिस मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने उन्हें आपराधिक विश्वासघात, आपराधिक धमकी, आपराधिक साजिश, जालसाजी और कई दूसरे संबंधित धाराओं के इल्जाम में हिरासत में लिया था. शुक्रवार को उसकी शुरुआती पुलिस हिरासत खत्म होने पर उसे एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एस्प्लेनेड कोर्ट) एल. एस. पधेन के सामने पेश किया गया.


वकील ने कोर्ट में रखी ये दलील 
 वहीं, वैभव के वकील निरंजन मुंदारगी ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से कहा, "यह एक पारिवारिक मामला था और गलतफहमी की वजह से मामला दायर किया गया है." उन्होंने कहा कि मामले को सुलझाने की कोशिश जारी हैं. मुंदारगी ने यह भी दलील दी कि उनका मुवक्किल जांच में सहयोग कर रहा है और पुलिस की तरफ से हिरासत की समय बढ़ाने की मांग को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.  EOW ने यह दावा करते हुए सात दिनों की और हिरासत मांगी थी कि जांच पूरी नहीं हुई है और आरोपियों से अभी तक अहम जानकारी बरामद नहीं हुई है.


मजिस्ट्रेट ने दोनों पार्टियों को सुनने के बाद कहा कि इनवेस्टीगेशन एजेंसी ने जांच में प्रोग्रेस की बात की है और उसे आरोपियों से पूछताछ के लिए और वक्त की जरूरत है, क्योंकि मामले से कई फाइनेंशियल एस्पेक्ट से जुड़े हुए हैं.


यह है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक, वैभव, हार्दिक और कुणाल ने साल 2021 में मुंबई में साझेदारी के तहत एक पॉलिमर बिजनेस  शुरू किया था. पुलिस के मुताबिक, हार्दिक और कुणाल ने 40-40 फीसदी पूंजी का इन्वेस्टमेंट किया, जबकि वैभव ने 20 फीसदी पूंजी निवेश किया और फायदा-हानि 2:2:1 के अनुपात में साझा करने का समझौता किया.


 पुलिस के मुताबिक, समझौते के तहत यह फैसला लिया गया था कि वैभव कारोबार की देखरेख करेगा, लेकिन उसने साझेदारी प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए हार्दिक और कुणाल को बिना बताए एक और समान बिजनेस से संबंधित कंपनी बनाया. जिसके कारण मूल फर्म का मुनाफा कम हो गया, जिससे हार्दिक और कुणाल को तीन करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. जबकि वैभव के मुनाफे में 20-33 फीसदी बढ़ोतरी हो गई.


पुलिस ने कहा कि मुल्जिम ने मूल कंपनी से तकरीबन एक करोड़ रुपये अपने खाते में भेज दिए, जिससे क्रिकेटर पंड्या बंधुओं को टोटल चार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.